2 फरवरी की सुबह, सबसे पहले गुरुदेव ने आर्ट ऑफ लिविंग कैंप से 800 मीटर की दूरी पर स्थित नागवासुकी घाट पर देश विदेश से पहुँचे अनुयायियों के साथ गंगा स्नान किया। उसके बाद गुरुदेव सीधे सतुआ बाबा के आश्रम पहुंचे जहां उन्होंने बाबा से मुलाकात और आध्यात्मिक चर्चा की। गुरुदेव, स्वामी अवधेशानंद गिरी जी के प्रयागराज आश्रम भी पहुंचे। वसंत पंचमी के अवसर पर गुरुदेव ने संगम में श्रद्धा की डुबकी लगाई उसके बाद दिगंबर अखाड़े के साधु संतों से आत्मीय भेंट की।
गुरुदेव ने दमन और दीव के राज्यपाल श्री प्रफुल्ल पटेल, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य सहित कई गणमान्य व्यक्तियों और अखाड़ों के साधु संतों से भेंट की। मीडिया से बातचीत करते हुए गुरुदेव ने कहा, “यह कुंभ मेला एक अद्भुत अनुभव है, जो हर व्यक्ति के लिए अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने का एक शानदार अवसर है। यह दुनिया को दर्शाता है कि कैसे विभिन्न आस्थाएं और संप्रदाय एक साथ रहकर पूजा-पाठ कर सकते हैं। आज जहां दुनिया धर्मों और मान्यताओं के बीच संघर्ष कर रही है, उन्हें यहां आकर विविधता में एकता का सजीव उदाहरण देखना चाहिए।”
गुरुदेव ने महाकुंभ स्नान के लिए पहुंचे मेंहदीपुर बालाजी के महंत श्री नरेश पुरी जी के साथ दोपहर भोज पर मुलाकात की। आगामी 4 फरवरी को, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर महाकुंभ की पवित्र धरती प्रयागराज से पूरे विश्व को ऑनलाइन सामूहिक ध्यान कराएंगे, जिसमें 180 देशों से करोड़ों लोग जुड़ेंगे।