प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, झूंसी में भगदड़ इतनी भयावह थी कि वहां भारी संख्या में जूते-चप्पल बिखरे पड़े थे। यहां तक कि ट्रालियों में भरकर वस्त्र ले जाए जा रहे थे। यह दृश्य अपने आप में बताने के लिए काफी था कि भगदड़ कितनी भयानक रही होगी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन इस घटना को क्यों छुपा रहा है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, झूंसी में भगदड़ की खबर दबाने की कोशिश की जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस भगदड़ में कई लोग हताहत हुए, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है।