वर्षों पहले पाकिस्तान से भारत आए परिवारों में कुछ ऐसे बुजुर्ग भी हैं जो पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में अपने जीवनकाल में पहली बार वोट डालेंगे और इस बात से वह खासे उत्साहित हैं, हालांकि उन्हें इस बात का मलाल है कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार उनसे वोट मांगने नहीं आता।
पाकिस्तान में उपद्रवियों और सरकारी प्रताड़ना से तंग आकर वर्ष से हिंदू, सिख तथा ईसाई परिवारों का भारत आना जारी है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और इन परिवारों के लिए काम करने वाले अविनाश राय खन्ना ने बताया कि पंजाब के जालंधर, अमृतसर, खन्ना और राजपुरा इलाके में रहने वाले तकरीबन 500 ऐसे परिवार हैं जो नागरिकता पाने की सभी शर्तों को पूरा करते हैं। हालांकि, नागरिकता नहीं मिलने के कारण वह मतदान नहीं कर सकते हैं। इन लोगों ने कहा कि चुनाव के दौरान जब हमसे कोई वोट मांगने नहीं आता है तो हमें इस बात का अहसास होता है कि हम अपने मुल्क में परायों की तरह रह रहे हैं।
जालंधर के कुछ लोगों को नागरिकता मिल चुकी है और उनका नाम मतदाता सूची में भी दर्ज है। वह मतदान करने को लेकर खासे उत्साहित हैं।
इनमें शामिल मुल्कराज (71) ने बताया कि मैं इस बार मतदान करने जाऊंगा। अपने देश वापस आने के बाद यह पहला मौका है, जब मैं अपने पसंदीदा विधायक के चुनाव के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करूंगा। पाकिस्तान में मैंने कभी वोट नहीं दिया। वहां अल्पसंख्यकों के लिए मतदान करने की अलग व्यवस्था है। (भाषा)