वर्ष 2016 तक रेलमंत्री द्वारा स्वतंत्र रेल बजट पेश किया जाता था, लेकिन इसके बाद रेल बजट को आम बजट में समायोजित कर दिया गया। सबसे पहले 1924 में यानी ब्रिटिश काल में रेल बजट की घोषणा हुई थी।
ब्रिटिश काल में रेल बजट : ब्रिटिश रेलवे के अर्थशास्त्री विलियम एक्वोर्थ की अध्यक्षता में सन 1920–21 में ‘एक्वोर्थ कमेटी’ ने एक सिफारिश की। इसी कमेटी की रिपोर्ट पर रेलवे का पुनर्गठन हुआ। सन 1924 में पहली बार रेल बजट की घोषणा हुई और तब से यह सन 2016 तक जारी रहा।
स्वतंत्र भारत में रेल बजट : भारत की आजादी के बाद देश के पहले रेलमंत्री एवं वित्तमंत्री जॉन मथाई बने। उन्होंने उसी साल नवंबर 1947 में स्वतंत्र भारत का पहला रेल बजट संसद में पेश किया था।
वर्ष 2000 में ममता बनर्जी पहली महिला रेलमंत्री बनीं, जो कि बाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं। ममता के बारे में सबसे खास बात ममता ऐसी रेलमंत्री रहीं, जिन्होंने एनडीए और यूपीए दोनों ही सरकारों में रेल बजट पेश किया।
24 मार्च 1994 में रेल बजट का पहला लाइव टेलीकास्ट हुआ।
2004 से मई 2009 तक रेलमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव ने लगातार 6 बार रेल बजट पेश किया।
2014 में मोदी सरकार की कैबिनेट में डीवी सदानंद गौड़ा रेलमंत्री बनाए गए। उस बजट में उन्होंने देश में पहली बुलेट ट्रेन और 9 हाईस्पीड रेल मार्गों की घोषणा की थी।
25 फरवरी सन 2016 में आखिरी बार रेल बजट पेश किया गया। इसे तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु द्वारा पेश किया गया था।
21 सितंबर 2016 को मोदी सरकार द्वारा रेल बजट और आम बजट को एक साथ पेश करने की मंजूरी दी गई। इस के साथ ही अलग बजट की 90 साल से ज्यादा पुरानी प्रथा समाप्त हो गई।