हल्दीराम के मालिक को आजीवन कारावास

शनिवार, 30 जनवरी 2010 (00:19 IST)
PTI
हल्दीराम भुजियावाला के मालिक प्रभुशंकर अग्रवाल और चार अन्य को एक फास्ट ट्रैक अदालत ने एक चाय स्टाल मालिक की हत्या की साजिश रचने के मामले में शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।

अग्रवाल द्वारा निर्माणाधीन एक फूड प्लाजा के रास्ते में मृतक की दुकान आ रही थी और दुकान नहीं हटाने के बाद उसकी हत्या कर दी गई।

बैंकशैल अदालत के न्यायमूर्ति तपन सेन ने अग्रवाल, हिस्ट्रीशीटरों गोपाल तिवारी, अरुण खंडेलवाल, मनोज शर्मा और राजू सोनकर को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा के अलावा धारा 120-बी के तहत यह सजा सुनाई।

तिवारी को शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी पाया गया और एक धारा में उसे सात साल की एवं एक अन्य धारा में तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि सभी सजाएँ साथ-साथ चलेंगी।

खाद्य पदार्थ और मिठाई-नमकीन उत्पाद बेचने वाली करोड़ों की चेन हल्दीराम के मालिक अग्रवाल यहाँ बड़ा बाजार में चाय दुकान के मालिक सत्यनारायण शर्मा को दुकान हटाने के लिए नहीं मना सके।

इसके बाद उनके भाड़े के गुंडों ने सत्यनारायण की दुकान पर धावा बोला, लेकिन वह वहाँ नहीं मिला, इसके बाद 30 मार्च 2005 को उसके भतीजे प्रमोद शर्मा को गोली मार दी, जिसमें वह गंभीर तौर पर जख्मी हो गया।

इससे पहले अग्रवाल ने न्यायाधीश के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी और कहा था कि उनके हजारों कर्मचारी तथा उनके परिवार उन पर आश्रित हैं और उनके कैद में रहने से उनका व्यापार बाधित होगा।

न्यायाधीश ने अग्रवाल से पूछा कि जब उन्हें पहले 45 दिन के लिए जेल भेजा गया था, तो क्या उनका व्यापार प्रभावित हुआ था। इस पर अग्रवाल ने कहा कि व्यापार प्रभावित हुआ था। चार अन्य दोषियों ने भी सजा में छूट की माँग की।

अभियोजन पक्ष का कहना था कि आरोपियों ने हमले से कुछ दिन पहले सत्यनारायण को धमकी दी थी। हमले के समय अपने पहले विदेशी फूड प्लाजा को खोलने के सिलसिले में लंदन गए अग्रवाल को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह दो महीने बाद वापस भारत लौटे।

अग्रवाल जैसे ही नई दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर पहुँचे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और कोलकाता पुलिस को सौंप दिया गया। तिवारी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया, जहाँ वह छिपा हुआ था, वहीं अन्य आरोपियों को यहाँ गिरफ्तार किया गया।

इन सभी को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। अभियोजन पक्ष ने सुनवाई के दौरान कहा था कि तिवारी और उनके गुर्गों ने अग्रवाल के कहने पर हत्या की साजिश को अंजाम दिया था। इन सभी ने बुधवार को पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया और अदालत ने इन्हें दोषी करार दिया। (भाषा)

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