ओम के पिता जिग्नेशभाई ने वेबदुनिया को बताया कि ओम ने महज 3 साल की उम्र में एक खूबसूरत कहानी कंठस्थ कर ली थी। इसके बाद से यदि वह कोई भी श्लोक सुनता है, तो उसे तुरंत याद कर लेता है। उसे वर्तमान में एक हजार से अधिक श्लोक याद हैं।
ओम को श्रीमदभगवत गीता के अध्याय 18, आनंद के गरनो, रामायण की चोपाई, कबीर वाणी के 7 भाग, शिव महिमा स्तोत्र, उपनिषद, शिवतांडव पूरी तरह से याद हैं।
उनके नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, गोल्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड यूके, चिल्ड्रन बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया पैसिफिक रिकॉर्ड, वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया, इंडिया स्टार आइकन अवार्ड उनके नाम इंडिया स्टार पर्सनैलिटी जैसे कई रिकॉर्ड बने हैं।
जिग्नेशभाई ने कहा, 'ओम पढ़-लिख नहीं सकता, वह दिन की दिनचर्या भी नहीं कर सकता। उसे किसी भी श्लोक की पंक्ति दें, अगली पंक्ति वह खुद बोलेगा।'