जम्मू। कश्मीर में राजनीतिज्ञ हमेशा ही आतंकियों के निशाने पर रहे हैं, पर नए ट्रेंड में भाजपा नेता अब आतंकियों की टॉप लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। पिछले 18 महीने में करीब 4 दर्जन हमलों में 18 से अधिक भाजपा नेता मारे भी जा चुके हैं। अब हालात यह हैं कि सुरक्षाकर्मी मुहैया करवाए जाने के बावजूद वे अपने घरों से दूर रातें काटने को मजबूर हैं, क्योंकि उन्हें अपनी ही सुरक्षा व्यवस्था पर कतई विश्वास नहीं रहा है।
कल भी एक भाजपा नेता पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कुलगाम जिले के बराजलू बाजार में मंगलवार शाम को आतंकियों ने अचानक फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में दो नागरिक घायल हो गए। इनमें से एक की पहचान भाजपा नेता जावेद अहमद के रूप में हुई है। जावेद ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जावेद कुलगाम निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के प्रभारी थे।
पिछले साल जुलाई में 5 भाजपा नेताओं की मौत के बाद तो प्रदेश भाजपा उस समय परेशान भी हो गई थी जब उसके कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर ही अपने इस्तीफे की घोषणा की झड़ी लगा दी थी। हालांकि तब भाजपा ने अपने नेताओं को सेफ हाउस में भी रखना आरंभ किया, पर आतंकी हमले रूक नहीं पाए थे।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल जुलाई और अगस्त की शुरूआत में डरे हुए करीब 4 दर्जन भाजपा नेताओं ने पार्टी से नाता तोड़ने की घोषणा की थी और अब ताजा हमले में हुई एक भाजपा नेता की मौत के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को फिर से यह चिंता सताने लगी है कि उनके काडर में भय की लहर इस्तीफों के रूप में तब्दील हो सकती है जिसे रोकने की कोशिशें भी तेज हो चुकी हैं। हालात यह हैं कि सुरक्षा मुहैया करवाने के बावजूद कश्मीर में भाजपा नेता अपने घरों से दूर रहने को मजबूर हैं।