जम्मू। कश्मीर में आतंकियों के पास हथियारों की कमी का नतीजा यह है कि आतंकी पुराने हथियारों की ओर फिर से मुड़ गए हैं जिनमें आईईडी और हथगोले प्रमुख हैं। हालांकि उन्होंने अपने आयुध भंडार में अब स्टिक बमों को भी शामिल कर लिया है, जो किसी भी समय कश्मीर में खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसके प्रति सुरक्षाधिकारी आप चेता रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में एलओसी से सटे मेंढर कस्बे से बरामद हुए 4 स्टिक बम चिंता का कारण बन गए हैं। इससे पहले आतंकियों ने मार्च महीने में इनका इस्तेमाल कर सभी को चौंका दिया था।
पिछले लगभग 6 माह से कश्मीर आईईडी और ग्रेनेड के कामयाब व नाकाम हमलों से जूझ रहा है। करीब 200 हमलों में आतंकियों द्वारा जम्मू से लेकर कश्मीर के अंतिम छोर तक आईईडी और ग्रेनेड हमलों से दहशत फैलाने का प्रयास किया जा चुका है। कुछेक को तो सुरक्षाबल नाकाम कर पाने में कामयाब रहे हैं, पर कुछेक में सफलता आतंकियों के हाथ लगी थी।
इसी साल मार्च महीने में एक टिप्पर को स्टिक बम से उड़ाने की नाकाम कोशिश के बाद 4 दिन पहले एलओसी से सटे मेंढर कस्बे से 4 स्टिक बम बरामद तो हुए हैं, पर खुफिया अधिकारी कहते हैं कि अब आतंकी ग्रेनेड व आईईडी के स्थान पर स्टिक बमों को तरजीह दे सकते हैं। इसके पीछे के कारणों को सुरक्षाधिकारी कुछ इस तरह से गिनाते थे कि ये बड़ी मात्रा में कश्मीर पहुंच चुके हैं। ये आसानी से छुपाए जा सकते हैं और यह मेटल डिटेक्टर की नजर से भी बच जाते हैं।
दहशत का आलम सुरक्षाबलों के गलियारों में भी देखा जा सकता है, जो इन स्टिक बमों को तलाश करने की तरकीबें तलाश रहे हैं तथा सुरक्षा बंदोबस्त में ऐसे उपकरण शामिल करने पर जोर देने लगे हैं जिनसे इन स्टिक बमों के हमलों को रोका जा सके।