मेरठ में अपराधियों के हौसले बुलंद है, क्योंकि चौबीस घंटे के अंदर उन्होंने पुलिस को चुनौती देते हुए दूसरी हत्या कर दी। बीते कल जहां बेखौफ बदमाशों ने दिनदहाड़े एक ज्वेलरी शॉप में लूट का विरोध करने पर सर्राफा व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं आज मॉर्निंग वॉक पर निकले जिम के कोच पर दनादन गोलियां बरसाकर हत्या कर दी।
बताया जा रहा है कि बाइक सवार दो युवकों ने उनसे बातचीत करते हुए हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में परविंदर को 5 गोलियां लगीं। फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल पर दौड़ पड़े। कुछ युवकों ने बाइक सवार हमलावरों को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन आरोपियों ने बाइक हाईवे की ओर दौड़ाते हुए फरार हो गए।
जिम कोच परविंदर मेरठ में एक जिम में कोच का काम करने के साथ ठेकेदारी भी करते थे। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने घायल परविंदर को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। बीते कल युवा सर्राफा व्यापारी से दुकान में घुसकर दस लाख रुपए और पांच किलो चांदी लूटकर हत्या कर दी।
व्यापारी नेताओं ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल भी उठाए, इन लोगों का कहना था कि पुलिस भले ही अवैध हथियार तस्करों को जेल भेजकर अपनी पीठ थपथपा लें। लेकिन एक हत्या रोकना उसके बस की बात नहीं है। भाजपा व्यापारियों ने विरोध में कहा कि जो अपराध प्रदेश में सपा, बसपा शासनकाल में हो रहे थे, वही हमारी सरकार में, हम जनता को क्या जवाब दें।
पुलिस अफसरों को घेरते हुए लोगों ने कहा कि थाना स्तर पर पीड़ितों की सुनी नहीं जाती, थानेदार फोन नहीं उठाता, इस पर महिला डिप्टी एसपी बोलीं, थानेदार हमारा फोन भी नहीं उठाता। इस वाक्य को सुनकर समझा जा सकता है कि थानों पर माननीयों का हाथ है। ऐसे में कैसे रामराज्य कायम होगा, ये यक्ष प्रश्न है।