छुट्टी पर जाएंगे बीएचयू के कुलपति या मिलेगा नया वीसी

शुक्रवार, 29 सितम्बर 2017 (10:10 IST)
वाराणसी। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने गुरुवार को कहा कि अगर उन्हें छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। जानकारी के अनुसार विवादों से लगातार घिरे त्रिपाठी की छुट्टी होना तय है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय उनके सारे अधिकारों को पहले ही सीज कर चुका है, इसके बाद से वैसे भी विश्वविद्यालय में उनकी ज्यादा भूमिका नहीं बची है। इस बीच मंत्रालय ने तेजी के साथ नए कुलपति के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
 
हालांकि त्रिपाठी ने बताया कि 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय से ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है। त्रिपाठी ने कहा कि मैं घटना के दिन से मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के संपर्क में हूं और उनको स्थिति से अवगत कराया है।
 
वैसे भी त्रिपाठी का कार्यकाल 26 नवम्बर 2017 को खत्म हो रहा है। ऐसे में नए कुलपति का चयन तो होना ही था, लेकिन इन विवादों के बाद इसमें तेजी आई है। माना जा रहा है कि बगैर अधिकारों के कुलपति के बने रहने से विश्वविद्यालय का काम-काज प्रभावित होगा। कोई बड़े फैसले नहीं हो सकेंगे।
 
विश्वविद्यालय को अगले एक महीने के भीतर यानि अक्तूबर अंत तक नया कुलपति मिल जाएगा। इसके लिए अगले 1-2 दिन में नोटीफिकेशन भी जारी हो जाएगा। फिलहाल इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार हो गया है।
 
मंत्रालय ने बीएचयू के नए कुलपति की चयन प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति को भी एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें 3 सदस्यीय चयन कमेटी के गठन की मंजूरी मांगी गई है। साथ ही कमेटी के लिए नाम मांगे गए हैं। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ही नए कुलपति के चयन का काम औपचारिक रूप से शुरू होगा। हालांकि सूत्रों की मानें तो यह एक प्रक्रिया है। बीएचयू का अगला कुलपति कौन बनेगा, इसका फैसला तो शीर्ष स्तर पर मंथन के बाद तय होगा।
 
उधर, ऐसा पहली बार हुआ है कि बीएचयू में पहली बार किसी महिला प्रॉक्टर को नियुक्त किया गया है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान के एनॉटामी विभाग की प्रफेसर रोयना सिंह को स्थायी रूप से चीफ प्रॉक्टर बनाया गया है। बताया जा रहा है कि यह कदम बीएचयू में हुए बवाल के बाद उठाया गया है। प्रो. रोयना ने माना है कि मामला बीएचयू प्रशासन की संवादहीनता के कारण इतना बढ़ गया।
 
क्या हुआ था बीएचयू में?
बीएचयू में विवाद छात्राओं की सुरक्षा को लेकर तब शुरू हुआ जब 21 सितंबर को फाइन आर्ट्स की एक छात्रा से कैंपस में छेड़छाड़ हुई। छात्रा की शिकायत के बावजूद आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
 
विरोध में 22 सितंबर को छात्राओं ने विश्वविद्यालय में धरना शुरू कर दिया। 23 सितंबर को कुलपति आवास का घेराव करने जा रही छात्राओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। छात्राओं पर लाठीचार्ज होने के बाद विवाद बढ़ गया और इस मुद्दे पर आग में घी डालने के लिए कई राजनीतिक दलों ने बीएचयू को राजनीति का अखाड़ा बना दिया था। अब इस मुद्दे पर राजनीति गर्म है।

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