भाजपा नेता का बयान, मध्यप्रदेश और राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायकों में असंतोष
गुरुवार, 16 जुलाई 2020 (01:03 IST)
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बयान के बाद राज्य में सत्ताधारी और विपक्षी दल आमने सामने है। अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस के विधायकों में असंतोष के कारण राज्य में जल्दबाजी में संसदीय सचिवों की नियुक्ति की गई है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में जल्दबाजी में संसदीय सचिवों की नियुक्ति की गई है तथा इसी तरह आयोग, निगम और मंडल में नियुक्तियां की जा रही है। यह मध्यप्रदेश और राजस्थान का असर है।
अग्रवाल ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस के विधायकों में बहुत ज्यादा असंतोष है इसलिए इनको (कांग्रेस को) डर है कि कहीं जैसा मध्यप्रदेश और राजस्थान में हुआ है वैसा छत्तीसगढ़ में न हो जाए।
बृजमोहन अग्रवाल के इस बयान के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल किया है कि क्या भारतीय जनता पार्टी और बृजमोहन अग्रवाल नीलामी करने बैठे हैं।
बुधवार को रायपुर दौरे के दौरान सिंह ने अग्रवाल के बयान पर कहा कि इतना पैसा आ गया है भाजपा और बृजमोहन जी के पास कि वह जिस तरह से नीलामी होती है नीलामी करने बैठे हैं। हालांकि राजस्थान को लेकर पूछे गए सवाल पर सिंह ने कहा कि वह राजस्थान के प्रभारी नहीं हैं और वह जयपुर भी नहीं गए हैं। इसलिए उन्हें वहां के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
छत्तीसगढ़ में मंगलवार को राज्य सरकार ने 15 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त कर दिया। राज्य सरकार के मुताबिक यह संसदीय संचिव मंत्रियों को उनके संसदीय कार्यों में सहयोग करेंगे। इस नियुक्ति के बाद राज्य के विपक्षी दल ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी में असंतोष के कारण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब संसदीय सचिवों की नियुक्ति कर रहे हैं तथा विभिन्न आयोगों, निगमों और मंडलों में विधायकों की नियुक्ति की जाएगी।
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में हुए चुनाव में राज्य के 90 सीटों में कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत हासिल की थी तथा भाजपा को 15 सीटें मिली थीं। वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन को सात सीटें ही मिल सकी थीं। बाद में वर्ष 2019 में एक नक्सली हमले में भाजपा विधायक की मृत्यु के बाद दंतेवाड़ा सीट पर हुए उपचुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस को जीत मिली है।
राज्य में अब कांग्रेस के 69 विधायक, भाजपा के 14 विधायक और जेसीसीजे बसपा गठबंधन के पास छह विधायक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मृत्यु के बाद से मरवाही सीट रिक्त है।(भाषा)