उन्होंने कहा कि इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। यह जीवन अपने आप में ही हमेशा के लिए नहीं है। हम नहीं जानते हैं कि हम ऐसी स्थिति में यहां कब तक रहेंगे, ये पद और रुतबा हमेशा के लिए नहीं है। मैं हर पल इस तथ्य से अवगत हूं।
अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति आभार प्रकट करते हुए बोम्मई ने कहा कि वह उनके लिए मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि बसवराज हैं। वे बेलगावी जिले के किट्टूर में 19वीं सदी की किट्टूर रानी महारानी चेनम्मा की प्रतिमा का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। रानी चेनम्मा ने ब्रिटिशों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी।
उन्होंने कहा कि आज,बतौर मुख्यमंत्री मैं कह रहा हूं कि जब मैं शिग्गांव आ गया, तब भले ही बाहर मैं मुख्यमंत्री रहूं, लेकिन आपके बीच मैं वहीं बसवराज हूं, क्योंकि बसवराज नाम स्थायी है, पद स्थायी नहीं हैं। दरअसल कुछ वर्गों में ऐसी अटकलें हैं कि बोम्मई को पद से हटाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री कथित रूप से घुटने से संबंधित समस्या से जूझ रहे हैं और उनका विदेश में उपचार हो सकता है, लेकिन इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। दो बार भावुक होते हुए बोम्मई ने याद किया कि जब भी वह बसवराज के रूप में अपने निर्वाचन क्षेत्र में आते हैं तो उन्हें कैसे स्नेह से रोट्टी (ज्वार की रोटी) एवं नवाने (बाजरे का एक व्यंजन) खाने को परोसा जाता है।
उन्होंने रूंधे गले से कहा कि मैं आपसे भावुक तरीके से बात नहीं करने का यथासंभव प्रयास करता हूं, लेकिन आप सभी को देखने के बाद मैं भावुकता में डूब गया। बोम्मई ने 28 जुलाई को मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने बी एस येदियुरप्पा के पद छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री पद संभाला था।