न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की खंडपीठ ने 17 दिसंबर को वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में सुनवाई के बाद कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और उन्हें 31 दिसंबर तक न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। (वार्ता)