Anuj Kanojia encounter news : उत्तर प्रदेश एसटीएफ और झारखंड पुलिस के साथ मुठभेड़ में जमशेदपुर में मारा गया गैंगस्टर और शूटर अनुज कनौजिया दो दशक से अधिक समय से पूर्वी उत्तर प्रदेश में आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने उस पर ढाई लाख रुपए का इनाम रखा था।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था एवं विशेष कार्यबल) अमिताभ यश ने बताया कि जमशेदपुर में उत्तर प्रदेश एसटीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में मुख्तार अंसारी गिरोह का शार्पशूटर अनुज कनौजिया मारा गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मऊ, गाजीपुर और आजमगढ़ जिलों के विभिन्न थानों में कनौजिया के खिलाफ 23 मामले दर्ज थे।
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Anuj Kanaujia, reward criminal of 2.5 lakh and a shooter of the Mukhtar gang, was killed in an encounter after a heavy exchange of fire in Jamshedpur. The operation was carried out by a joint team of STF UP (Gkp ), led by DSP D.K. Shashi, and Jharkhand Police.@Uppolicepic.twitter.com/GNvJvVnwMd
मऊ जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के बहलोलपुर गांव निवासी 42 वर्षीय कनौजिया ने 2003 में इसी जिले के रानीपुर थाना क्षेत्र में पहली हत्या की थी। इसके बाद अगले कुछ साल में वह हत्या, हत्या के प्रयास और जबरन वसूली समेत कई आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात हो गया। मऊ, गाजीपुर और आजमगढ़ जिलों में उसके खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम, हत्या और हत्या के प्रयास समेत कुल 23 आपराधिक मामले दर्ज किए गए।
यश ने बताया कि जमशेदपुर में मुठभेड़ के दौरान कनौजिया के पास से पुलिस ने नौ एमएम और .32 बोर की दो पिस्तौल भी बरामद कीं। नौ मिमी पिस्तौल का उपयोग आमतौर पर पुलिस और सैन्य बलों द्वारा किया जाता है।
एसटीएफ ने बताया कि जिस मुख्तार अंसारी के संरक्षण में कनौजिया ने अपराध किए, उसी अंसारी की पहली बरसी पर वह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
मऊ सदर से पांच बार विधायक रहे 63 वर्षीय मुख्तार अंसारी की 28 मार्च 2024 को उत्तर प्रदेश के बांदा स्थित एक अस्पताल में कथित तौर पर हृदयाघात से मौत हो गयी थी। उस समय अंसारी बांदा जिला कारागार में निरुद्ध था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कनौजिया ने शुरू में अपने गांव में व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण अपराध की दुनिया में कदम रखा। अंसारी ने उसे संरक्षण प्रदान किया और वह जल्द ही गिरोह का एक खूंखार शार्पशूटर बन गया।
पुलिस ने बताया कि अनुज मऊ और आसपास के जिलों में व्यापारियों से रंगदारी वसूलता था। रंगदारी वसूली में उसका सहयोग करने वाली उसकी पत्नी रीना और शिवरत्न नामक उसके एक रिश्तेदार को करीब दो वर्ष पूर्व जमशेदपुर में गिरफ्तार किया गया था।
अनुज 2022 से जमशेदपुर में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था लेकिन रीना की गिरफ्तारी के बाद वह जमशेदपुर से चला गया था। बाद में वह पहचान छुपाकर फिर वहां रहने लगा। वह जमशेदपुर समेत बिहार एवं झारखंड के विभिन्न शहरों में बार-बार अपना ठिकाना बदलकर पुलिस को चकमा देता रहा। रंगदारी वसूलने के अवाला वह ठेके-पट्टे में भी हस्तक्षेप कर कमीशन लेता था।