सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ जिले के नगीनु और नगीसा गांवों के बीच स्थित जंगल में हुई। इससे पहले, दिल्ली में सूत्रों ने बताया था कि खोंसा इलाके में मुठभेड़ हुई है, जो तिरप जिले में एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। लोंगदिंग मूल रूप से तिरप का ही हिस्सा है लेकिन कुछ साल पहले इसे अलग जिला बना दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि यह मुठभेड़ सुबह करीब साढ़े चार बजे हुई। मुठभेड़ स्थल से छह हथियारों के साथ अन्य युद्धक सामग्रियां भी बरामद हुई हैं। प्रदेश के पुलिस प्रवक्ता नवदीप एस बरार ने बताया कि उग्रवादरोधी अभियान असम राइफल्स और लोंगदिंग पुलिस की एक संयुक्त टीम ने चलाया। उन्हें इलाके में उग्रवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी।
बरार ने कहा, सुबह करीब साढ़े चार बजे इलाके में एनएससीएन (आईएम) के उग्रवादियों से मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में छह उग्रवादी मारे गए।नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (आइजक-मुइवा) या एनएससीएन (आईएम) पिछले कई दशकों से नगा लोगों के लिए अलग राज्य की मांग को लेकर लड़ रहा उग्रवादी संगठन है।
यह छह दशकों से चल रहे नगा मुद्दे के समाधान के लिए केंद्र से साथ बातचीत करता रहा है। राज्य पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों पर करीब 400 गोलियां बरसाईं। उन्होंने बताया कि चार एके राइफल, दो एमक्यू-81 राइफल, नौ मग्जीन, तीन विस्फोटक, एक हथगोला, दो आईईडी मुठभेड़ स्थल से बरामद किए गए।
उन्होंने दावा किया कि यह समूह लोंगदिंग बाजार के अध्यक्ष एवं सचिव को अगवा करने की साजिश रच रहा था। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए उग्रवादियों की उम्र 25 से 40 साल के बीच है। प्रदेश में सैन्य सूत्रों ने दावा किया कि उग्रवादियों के समूह को विधायक तिरोंग अबोह की हत्या में संलिप्त बागी समूह के नेता रोकवांग उर्फ अबसोलोम थांकगुल द्वारा भेजा गया था।