अस्पताल पर लगे आरोपों की एक सरकारी समिति ने जांच की थी, जिसके बाद अस्पताल एवं स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता राष्ट्रीय प्रमाणन बोर्ड (एनएबीएचएचपी अथवा नेशनल एक्रीडिशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हैल्थकेयर प्रोवाइडर्स) के अध्यक्ष को इस बाबत एक पत्र भेजा गया।
पत्र में लिखा गया, अस्पताल आद्या के उपचार में महंगी एलोपैथी दवाओं की जगह जेनेरिक दवाओं का प्रयोग कर सकता था। इसके अलावा डीजीएचएस ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) को भी पत्र भेजा है और कहा है कि चूंकि अस्पताल ने आवंटन के नियम-शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए उसकी भूमि का पट्टा रद्द किया जाए।
हालांकि हुडा के प्रशासक यशपाल यादव ने कहा कि अस्पताल की भूमि का पट्टा रद्द करने के लिए हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के पत्र की उन्हें कोई आधिकारिक प्रति प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा, इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से कोई आदेश प्राप्त होने पर हम उसी के मुताबिक कदम उठाएंगे। (भाषा)