एक ओर जहां देश में भारतीय रेलवे मानवरहित क्रॉसिंग को समाप्त करने के लिए अभियान चला रहा है, वहीं दूसरी ओर एक ऐसी ट्रेन भी है जो अपने 72 किलोमीटर के सफर में 35 बार रुकती है और हर बार उसका स्टॉफ भी उतरता है।
जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है, तमिलनाडु में सप्ताह में दो दिन चलने वाली एक ट्रेन ऐसी भी है, जो 35 जगहों पर रुकती है और ट्रेन में सवार दो कर्मचारी उतरकर फाटक खोलते और बंद करते हैं। इन मानवरहित क्रॉसिंग पर रुकने के अलावा हाल में शुरू की गई यह ट्रेन करीब साढ़े तीन घंटे के सफर में सात स्टेशनों पर रुकती है।
यह ट्रेन करैकुडी और पत्तुकोट्टई के बीच 72 किलोमीटर के खंड पर चलती है। पटरियों को ब्रॉडगेज में परिवर्तित करने के तीन महीने बाद ट्रेन का परिचालन 30 जून को शुरू हुआ था। इस पहल की शुरुआत प्रायोगिक तौर पर तीन महीने के लिए की गई है।
यह ट्रेन सिर्फ सोमवार और गुरुवार को चलती है। ट्रेन में दो गेटमैन सवार रहते हैं। एक अगले डिब्बे में और दूसरा पिछले डिब्बे में। जब ट्रेन मानवरहित रेलवे फाटक पर रुकती है तो अगले डिब्बे में सवार कर्मी नीचे उतरता है और गेट को बंद कर देता है। जब ट्रेन चलती है और फाटक से कुछ आगे रूकती है तो दूसरा गेटमैन नीचे उतरकर फाटक खोलता है और ट्रेन में चढ़ जाता है, फिर ट्रेन अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाती है।