कोयंबटूर के सुलुर एयरबेस से तैनात किए गए भारतीय वायुसेना के चार हेलीकॉप्टरों के अलावा अग्नियर और बचाव एवं वन विभाग, पुलिस के कर्मी और स्थानीय अधिकारी इन बचाव कार्यों में शामिल हैं। समीपवर्ती इलाकों के स्थानीय आदिवासी इन कार्यों में मदद कर रहे हैं। पल्लवी बलदेव के मुताबिक कोजुकुमलई में रात भर रुकने के बाद ट्रैकरों ने कल सुबह अपनी वापसी यात्रा शुरू कर दी थी। इस दौरान उन्हें जंगल में अचानक लगी आग के बारे में मालूम हुआ और सुरक्षित रास्ता ढूंढने के चलते वह बिछड़ गए। पश्चिमी घाट की कुरंगानी- कोजुकमलई पहाड़ियां बोदिनयकनूर के पास स्थित हैं जो थेनी से 40 किलोमीटर दूर है।