भोपाल। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर आए संकट के बाद अब मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। कर्नाटक में जिस तरह कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दिया है, उसके बाद अब कांग्रेस को मध्यप्रदेश में भी हॉर्स ट्रैंडिंग का खतरा सताने लगा है।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के कुछ कांग्रेस विधायकों के संपर्क में रहने के बयान ने कांग्रेस के अंदरखाने खलबली मचा दी है। रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी के केंद्रीय नेता गुलाम नबी आजाद ने विधायकों को एकजुट रहने और भाजपा के हर प्रलोभन और दांव-पेंच से दूर रहने के निर्देश दिए।
मंत्रियों को सौंपी विधायकों की जिम्मेदारी : कर्नाटक में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने अपने विधायकों को एकजुट रखने और उनसे संवाद करने की जिम्मेदारी मंत्रियों को सौंपी है।
बताया जा रहा है कि सत्र के दौरान 1 मंत्री को 3 विधायकों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस की इस रणनीति को अपने विधायकों को किसी भी टूट से बचाने और अंसतुष्ट विधायकों की नाराजगी दूर करने की कवायद माना जा रहा है।
इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी विधायकों को पूरी तरह एकजुट करने के लिए वरिष्ठ नेताओं को कमान अपने हाथ में लेने के निर्देश दिए।
बैठक में उन्होंने कर्नाटक का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा खरीद-फरोख्त की सियासत करने में माहिर है और वह किसी भी हद तक जा सकती है, इसलिए विधायकों को सतर्क रहना होगा।
सदन में पूरे समय मौजूद रहने के निर्देश : विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायकों को पूरे समय सदन में मौजूद रहने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सदन किसी भी वक्त डिवीजन की मांग कर सकती है और जिस पर वोटिंग हो सकती है इसलिए सभी विधायक सत्र के दौरान पूरे समय सदन में मौजूद रहें।
मानसून सत्र के दौरान सरकार को घेरने के विपक्ष इस बार विपक्ष बजट पर चर्चा के दौरान डिवीजन की मांग कर सरकार को दबाव में लाने की रणनीति पर काम कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव पहले ही कह चुके हैं कि इस बार सत्र के दौरान सरकार को विपक्ष की ताकत का अहसास हो जाएगा।
सदन में आक्रामक विधायक : विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस विधायकों को आक्रामक रहने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस सदन में इंदौर में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के नगर निगम अफसर की बल्ले से पिटाई का मामला उठाकर उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की भी रणनीति पर काम कर रही है। इसके साथ ही पिछले 15 साल में सूबे में भाजपा सरकार में हुए घोटाले के मुद्दे को उठाकर भी सत्ता पक्ष विपक्ष के हर आरोप का पलटवार करने की तैयारी में है।