कैराना, नूरपुर में भाजपा हारी पर वोट प्रतिशत बढ़ा

शुक्रवार, 1 जून 2018 (19:41 IST)
लखनऊ। कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हार के बावजूद वोटों का ध्रुवीकरण करने में सफल रही है।
 
 
सांप्रदायिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील कैराना पंरपरागत तौर से भाजपा का क्षेत्र कभी नहीं रहा। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन जब चरम पर था, तब भी पार्टी यहां के लोगों का विश्वास हासिल नहीं कर सकी। वर्ष 1998 से 2014 के बीच इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का प्रभुत्व रहा हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर हुकुमसिंह ने यहां जीत हासिल की।
 
मोदी लहर में भाजपा ने यहां 50 फीसदी से भी अधिक मत हासिल किए जबकि सपा को 30, बसपा को 14.33 और रालोद को महज 3.81 फीसदी वोट मिले। मौजूदा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह ने कैराना संसदीय क्षेत्र में आने वाली 5 में से 2 सीटों पर जीत हासिल की हालांकि 3 में उन्हें हार का मुंह देखना पडा। शामली और कैराना में भाजपा को जीत का स्वाद मिला जबकि थाना भवन, गंगोह और नकुड में वह हार गई। यहां दिलचस्प है कि नकुड और गंगोह के 68 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराया गया था, जो भाजपा के खिलाफ गया।
 
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्रनाथ पांडेय ने कहा कि उपचुनाव के परिणाम भले ही हमारे पक्ष में नहीं गए, मगर कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा में प्रत्याशियों का प्रदर्शन सराहनीय है। हम बैठकर अपनी कमजोरियों को दूर करने और 2019 में अच्छा प्रदर्शन करने की रणनीति तैयार करेंगे।
 
पांडेय ने कहा कि भाजपा ने 2 विधानसभाओं में अच्छा प्रदर्शन किया हालांकि 3 के परिणाम प्रतिकूल रहे। इसी प्रकार नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को 2017 के मुकाबले 11 हजार वोट अधिक मिले। (वार्ता)

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