गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना (GHAVP) के तहत 20,594 करोड़ रुपए की लागत में बनने वाला यह पॉवर प्लांट गोरखपुर में स्थापित होने जा रहा है। अभी तक ज्यादातर न्यूक्लियर पॉवर प्लांट्स का निर्माण तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र में हुआ है।
एटॉमिक एनर्जी, स्पेस, साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री जितेंद्रसिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में यह एक खास उपलब्धि है। यह कदम भारत की न्यूक्लियर क्षमता को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से 10 न्यूक्लियर रियेक्टरर्स को इंस्टॉल करने की अनुमति मिली है।
इतना ही नहीं, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी ने संसाधनों से लैस PSUs (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स) के साथ संयुक्त उद्यम की अनुमति भी प्रदान की है। इससे आगे जाकर और भी कई एटोमिक एनर्जी प्लांट्स निर्मित किए जा सकेंगे जिससे भविष्य में भारत की एनर्जी की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकेगी।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस परियोजना के तहत 700 MWe की क्षमता के दो यूनिट्स बनाई जाएंगी। प्रत्येक में स्वदेशी डिजाइन्ड प्रेशराइज्ड हेवी वॉटर रिएक्टरर्स (PHWR) होंगे। कुल आवंटित फंड 20,594 करोड़ रुपए में से अब तक 4,906 करोड़ रुपए इस परियोजना पर खर्च किए जा चुके हैं।
दूसरी मुख्य बिल्डिंग्स जैसे फायर वॉटर पंप हाउस (FWPH), सेफ्टी रिलेटेड पंप हाउस (SRPH), प्यूल ऑइल स्टोरेज- 1&2 (FOSA-1&2), वेंटिलेशन स्टेक, ओवरहेड टैंक (OHT), स्विचयार्ड कंट्रोल बिल्डिंग, सेफ्टी रिलेटेड और नॉन सेफ्टी रिलेटेड सुरंग और खाइयां, रिटेनिंग वॉल्स और गारलैंड ड्रेन का निर्माण अभी जारी हैं।