पटना। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सशस्त्र बलों में नौकरी के आकांक्षी युवाओं द्वारा केंद्र की नयी 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन को लेकर बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी दलों जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भाजपा की एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने के लिए रविवार को आलोचना की। किशोर ने ट्वीट किया कि अग्निपथ पर आंदोलन होना चाहिए, हिंसा और तोड़फोड़ नहीं।
भाजपा ने नीतीश कुमार सरकार को भाजपा नेताओं के आवासों पर 'हमलों को रोकने में असमर्थता' के लिए जिम्मेदार ठहराया। भाजपा की बिहार इकाई के प्रमुख संजय जायसवाल ने शनिवार को राज्य सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि राज्य में हिंसक विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए उसका प्रयास 'अपर्याप्त' है। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और जायसवाल के आवासों और उनकी पार्टी के कई कार्यालयों में तोड़फोड़ की।
जायसवाल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने एक वीडियो में कहा कि केंद्र सरकार ने एक निर्णय लिया। दूसरे राज्यों में भी इसका विरोध हो रहा है। युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, इसलिए वे विरोध करने उतरे। हम हिंसा को स्वीकार नहीं कर सकते लेकिन भाजपा को यह भी सुनना चाहिए कि इन युवाओं की चिंता क्या है। इसके बजाय, भाजपा प्रशासन को दोष दे रही है। सिंह ने यह भी पूछा कि इस सब से प्रशासन का क्या लेना-देना है? एक निराश भाजपा आंदोलनकारियों के गुस्से को नियंत्रित करने में असमर्थता के लिए प्रशासन को दोषी ठहरा रही है।
इस योजना के खिलाफ कई भाजपा शासित राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। जायसवाल क्यों उन राज्यों में सुरक्षा बलों की निष्क्रियता के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, जहां उनकी पार्टी शासन में है? इस बीच, चल रहे छात्रों के आंदोलन के कारण, पूर्व मध्य रेलवे ने रविवार को कम से कम 14 ट्रेन को रद्द किया और कई के समय में बदलाव किया।
बिहार में पिछले कुछ दिनों में अग्निपथ के खिलाफ नौकरी के आकांक्षी युवाओं द्वारा हिंसा और आगजनी देखी गई। यहां पुलिस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए 18 जून को राज्य भर में कुल 250 लोगों को गिरफ्तार किया और 25 प्राथमिकी दर्ज की।