मुजफ्फरनगर। उत्तरप्रदेश में मुजफ्फरनगर के एक आवासीय स्कूल की छात्राओं के कपड़े उतरवाने के आरोप में प्रधानाचार्या पर मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। जिला मजिस्ट्रेट डीके सिंह ने शनिवार को कहा कि आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से नुकसान पहुंचाने) और धारा 509 (महिला का मान भंग करने) के तहत प्रधानाचार्या के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस मामले की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दे दिए गए हैं। सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट रेनु सिंह जांच का नेतृत्व करेंगी। गौरतलब है कि प्रधानाचार्या ने बृहस्पतिवार को जूनियर कक्षा की छात्राओं को कथित तौर पर धमकाया और मजबूरन कपड़े उतरवाए। प्रधानाचार्या कथित तौर पर माहवारी के खून के धब्बों की जांच कर रही थी।
इनमें से एक छात्रा ने कहा कि वहां कोई अध्यापक मौजूद नहीं था। हमें होस्टल से नीचे बुलाया गया। मैडम ने हमसे यह कहते हुये कपड़े उतरवाए कि अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो वे हमारी पिटाई करेंगी। हम बच्चे हैं, हम क्या कर सकते थे? अगर हम उनकी बात नहीं मानते तो वह हमें पीटतीं। बहरहाल, प्रधानाचार्या ने आरोपों को खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा कि किसी ने उनसे कपड़े उतारने के लिए नहीं कहा। यह कर्मचारियों का षड्यंत्र है, क्योंकि वे नहीं चाहते कि मैं यहां रहूं। मैंने यह जांच करने के लिए कहा था कि क्या कर्मचारी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। मैं सख्त मिजाज की हूं इसलिए वे मुझसे नफरत करते हैं। (भाषा)