चंडीगढ़। पंजाब में किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन शनिवार को तीसरे दिन भी जारी है। प्रदर्शनकारी किसान हाल ही में आई बाढ़ में फसल के नुकसान के लिए मुआवजे, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और व्यापक कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, आंदोलन की वजह से ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। कुछ ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और कई ट्रेनों को गंत्वयों से पहले ही समाप्त किया गया या फिर उनके मार्ग परिवर्तित कर दिए गए।
3 दिवसीय आंदोलन में शामिल किसान बृहस्पतिवार से ही फरीदकोट, समराला, मोगा, होशियारपुर, गुरदासपुर, जालंधर, तरनतारन, संगरूर, पटियाला, फिरोजपुर, बठिंडा और अमृतसर में रेल पटरियों पर बैठे हुए हैं। आंदोलन की वजह से सैकड़ों की संख्या में रेल यात्री पंजाब और हरियाणा में फंसे हुए हैं।
लुधियाना स्टेशन पर खड़े एक रेल यात्री ने कहा कि वह गोरखपुर जाने वाली ट्रेन में सवार होने के लिए सड़क के माध्यम से जालंधर से यहां आए थे लेकिन रेल कब आएगी इसकी कोई जानकारी नहीं है।
स्टेशन पर खड़े एक अन्य यात्री ने कहा कि आंदोलन की वजह से अमृतसर से उनकी ट्रेन रद्द हो गई जिससे उनके परिवार के 12 सदस्यों को बिहार जाना था। यात्री ने बताया कि उन्हें बाद में पता चला कि ट्रेन लुधियाना से जाएगी और उनके परिवार को अमतृसर से सड़क मार्ग से आना पड़ा। हालांकि ट्रेन के बारे में अभी भी कोई सूचना नहीं है।
किसानों के आंदोलन से अंबाला और फिरोजपुर रेलवे संभाग प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। किसान, उत्तर भारतीय राज्यों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के बाढ़ राहत पैकेज और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों के मुताबिक एमएसपी की मांग कर रहे हैं।
इसके अलावा आंदोलनकारी, किसानों व मजदूरों का पूरा कर्ज माफ करने की भी मांग कर रहे हैं। उन्होंने तीन कृषि कानूनों (जिन्हें अब निरस्त कर दिया गया है) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनमें से प्रत्येक के परिवार को 10 लाख रुपए और एक सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग भी रखी है।