कोटैया ने नेल्लोर के जिले के कृष्णपत्तनम नामक स्थान पर बांटी जा रही आनंदैया नामक दवाई ली थी। इस दवा के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह दवा कोरोना में काफी कारगर है। उस समय वहां काफी भीड़ भी जुटी थी और कुछ लोगों ने तो यहां तक दावा कि गया था कि आंख में दवा डालने के 2 मिनट के बाद ही उनकी ऑक्सीजन हट गई।
निजी अस्पताल में भर्ती कोटैया की कोरोना के चलते स्थिति गंभीर हो गई थी। जब उनकी पुत्री को आनंदैया की दवाई के बारे में पता तो वे अपने पिता को कार से कृष्णपत्तनम लेकर आई थीं। वहां उनकी आंख में कुछ पत्तियों का रस डाला गया था। उस समय दावा किया गया था कि अंग्रेजी दवाई कोरोना में कारगर नहीं है, जबकि आयुर्वेदिक दवाई से संक्रमण ठीक हो जाता है। आनंदैया लेने के बाद कोटैया की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया में काफी वायरल हुई थी।
दूसरी ओर, लोग अभी भी आनंदैया नामक दवाई के लिए लगातार कृष्णपत्तनम पहुंच रहे हैं। हालांकि वहां धारा 144 लगा दी गई है। वहीं, दवाई देने वाले चिकित्सक आनंदैया, जिनके नाम पर यह दवाई है, उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया है।