दानापुर अदालत में पत्रकारों से बात करते हुए यादव ने कहा, 'मैं एक राजनीतिक साजिश का शिकार हूं... मेरी जान को खतरा है... मेरी हत्या हो सकती है। अगर मैं जिंदा रहा तो जमानत के लिए कागजात दाखिल करूंगा। कुछ अधिकारी हैं जो मेरे खिलाफ हैं।'
बिहार पुलिस ने 11 अप्रैल को पटना में जबरन वसूली के एक मामले की जांच के सिलसिले में राजद विधायक रीतलाल यादव और उनके करीबियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई एक बिल्डर की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर की गई थी, जिसमें यादव और पांच अन्य को आरोपी बनाया गया था।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे बीते कुछ दिनों से आरोपियों की ओर से फिरौती और जान से मारने की धमकी मिल रही थी। साथ ही, संपत्ति से संबंधित कुछ दस्तावेजों में कथित फर्जीवाड़े का भी आरोप लगाया गया था।
शिकायतकर्ता पटना के खगौल इलाके में एक अपार्टमेंट का निर्माण करवा रहा था। पुलिस ने कहा था कि तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री जब्त की गई थी, जिनमें 10 लाख रुपये नकद, 77 लाख रुपये के चेक, छह खाली चेक, संपत्ति के क्रय-विक्रय से संबंधित 14 रजिस्ट्री दस्तावेज और 17 चेकबुक शामिल हैं।