Team leaves for Sundardhunga to investigate illegal temple construction case : बागेश्वर की जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने एक स्वयंभू बाबा द्वारा सुंदरढूंगा में 12000 फुट से अधिक की उंचाई पर पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में एक मंदिर का अवैध रूप से निर्माण किए जाने के मामले की जांच के लिए अधिकारियों की एक टीम मौके पर भेजी है।
यह कदम आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों की शिकायत के आधार पर उठाया गया है जिसमें उन्होंने उस मंदिर में रहने वाले 'बाबा' पर पास ही स्थित झील 'देवीकुंड' में स्नान कर उसे अपवित्र करने का भी आरोप लगाया है। गांव वालों का कहना है कि देवीकुंड में वे अपने देवी—देवताओं की मूर्तियों को स्नान कराते हैं और इसलिए उसमें स्नान कर 'बाबा' ने उसे अपवित्र कर दिया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि 'बाबा' न केवल स्वयं देवीकुंड में स्नान कर रहा है बल्कि वहां जाने वाले पर्यटकों को भी ऐसा करने के लिए बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि सुंदरढूंगा भेजी गई 14 सदस्यीय टीम में पुलिस, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, राजस्व और वन विभाग के अधिकारी शामिल हैं।
पाल ने कहा कि यह टीम इस बात की भी जांच करेगी कि इतनी उंचाई पर किए गए निर्माण में अभयारण्य कानूनों का उल्लंघन तो नहीं किया गया क्योंकि नंदादेवी बायोस्फीयर का एक बड़ा हिस्सा सुंदरढूंगा क्षेत्र में पड़ता है। अपना नाम चैतन्य आकाश बताने वाले 'बाबा' का दावा है कि देवी भगवती उनके सपने में आई थीं और उन्होंने उसे मंदिर बनाने का आदेश दिया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour