हिमाचल में कुल 7881 मतदान केंद्र, 5 से 14 किमी की दूरी पैदल तय करनी होगी मतदानकर्मियों को
बुधवार, 2 नवंबर 2022 (14:46 IST)
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में मतदान शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनिश्चित कराने के लिए कुल 7,881 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें से 7,235 ग्रामीण और 646 शहरी क्षेत्रों में हैं। यह जानकारी मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग ने शनिवार को यहां देते बताया कि सबसे अधिक 1,625 मतदान केंद्र कांगड़ा जिला में और सबसे कम 92 लाहौल-स्पीति जिला में हैं। मतदानकर्मियों को 5 से 14 किमी की दूरी पैदल तय करनी होगी।
राज्य में 3 सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिनमें धर्मशाला का सिद्धबाड़ी, बैजनाथ का बड़ाभंगाल तथा कसौली का ढिल्लों शामिल हैं। कांगड़ा जिला के धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सिद्धबाड़ी मतदान केंद्र में सर्वाधिक 1,511 मतदाता हैं जबकि किन्नौर में सबसे कम 16 मतदाता हैं। राज्य में ऐसे दूरस्थ मतदान केंद्र भी हैं, जहां पहुंचने के लिए 5 से अधिकतम 14 किलोमीटर का सफर पैदल करना पड़ता है।
दूरस्थ चम्बा जिला में डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मनोला मतदान केंद्र में सबसे अधिक 1,459 मतदाता हैं जबकि भरमौर के क्यूनर में मात्र 84 मतदाता हैं। जनजातीय विधानसभा क्षेत्र भरमौर का चस्क भटोरी एक ऐसा मतदान केंद्र है, जहां पोलिंग पार्टी को पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है।
प्रदेश के सबसे अधिक 15 विधानसभा क्षेत्रों वाले कांगड़ा जिला में धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सबसे अधिक 1,511 मतदाता सिद्धबाड़ी में हैं जबकि सबसे कम मतदाता वाला केंद्र नूरपूर का कलांगण है, जहां मात्र 75 मतदाता हैं। सबसे दूरस्थ मतदान केंद्र शाहपुर विधानसभा का मांच है, जहां पोलिंग पार्टी को 7 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के अंतर्गत काजा में 811, लिंगर मतदान केंद्र में मात्र 38 मतदाता हैं।
कुल्लू जिले के मनाली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सबसे अधिक मतदाता वाला चिचोंगा मतदान केंद्र है, जहां 1,305 मतदाता हैं जबकि बंजार के तिलगा में सबसे कम 89 मतदाता हैं। कुल्लू का रसोल और बंजार का शाकटी दूरस्थ मतदान केंद्र हैं, जहां पोलिंग पार्टियों को पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
विधानसभा क्षेत्रों की संख्या की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश का दूसरा बड़ा जिला मण्डी है जिसमें 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। जिला के सुन्दरनगर विधानसभा क्षेत्र के चैगान में सबसे अधिक 1403, जबकि सबसे कम जारठू मतदान केंद्र पर मात्र 95 मतदाता हैं। इसी विधानसभा क्षेत्र का मंझागण दूरस्थ मतदान केंद्र है।
हमीरपुर जिला के अंतर्गत हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के स्वाहल मतदान केंद्र पर सबसे अधिक 1283 और बड़सर के बल्ह ढटवालियां मतदान केंद्र पर सबसे कम 105 मतदाता हैं। ऊना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऊना मतदान केंद्र पर सबसे अधिक 1404 मतदाता हैं जबकि सबसे कम चिन्तपूर्णी विधानभा क्षेत्र के सूरी में औसतन 246 मतदाता हैं।
बिलासपुर जिला के श्री नैणादेवी जी विधानसभा क्षेत्र के बैहल में सबसे अधिक 1281 मतदाता हैं जबकि धाड़त केंद्र अपेक्षाकृत सबसे कम 835 मतदाता वाला केंद्र है। सोलन जिला का दून विधानसभा क्षेत्र जिसके अंतर्गत बद्दी मतदान केंद्र में 1385 तथा कसौली के गलयाणा में सबसे कम 105 मतदाता हैं।
सिरमौर जिला के पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के पांवटा के देवीनगर में सबसे अधिक 1,423 जबकि नागली मतदान केंद्र में सबसे कम 112 मतदाता हैं। यहां के शिलाई विधानसभा क्षेत्र के बोबड़ी मतदान केंद्र तक पोलिंग पार्टी को पहुंचने के लिए 5 किलोमीटर का पैदल मार्ग तय करना पड़ता है।
8 विधानसभा क्षेत्रों वाला शिमला जिला के चैपाल विधानसभा क्षेत्र में चरोली मतदान केंद्र में सबसे अधिक 1,298 मतदाता हैं जबकि शिमला (शहरी) के 2 समर हिल मतदान केंद्र में केवल 33 मतदाता हैं। जिले के रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र के पंडार मतदान केंद्र पर पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को 7 किलोमीटर पैदल तय करना पड़ता है।(वार्ता)