Sanatan Controversy: कथित सनातन धर्म विरोधी टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के तीखे हमले के बाद द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK)) नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) ने गुरुवार को भाजपा नेताओं पर उनके बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया और सभी मामलों का कानूनी रूप से सामना करने का संकल्प जताया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि वह मणिपुर हिंसा को लेकर उठते सवालों का सामना करने से डरकर दुनियाभर में घूम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों से आपके (भाजपा) सभी वादे खोखले रहे हैं। आपने वास्तव में हमारे कल्याण के लिए क्या किया है, यह सवाल वर्तमान में फासीवादी भाजपा सरकार के खिलाफ पूरा देश एकजुट होकर उठा रहा है। यह इसी पृष्ठभूमि में है कि भाजपा नेताओं ने टीएनपीडब्ल्यूएए सम्मेलन में मेरे भाषण को तोड़-मरोड़कर नरसंहार भड़काने वाला बताया। वे इसे खुद को बचाने का हथियार मानते हैं।
उदयनिधि ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री फर्जी खबर के आधार पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पूरी निष्पक्षता से कहें तो मुझे उनके खिलाफ आपराधिक मामले और अन्य अदालती मामले दायर करना चाहिए क्योंकि उन्होंने सम्मानजनक पदों पर रहते हुए मुझे बदनाम किया। लेकिन मुझे पता है कि यह उनके अपने अस्तित्व को बचाए रखने का तरीका है। वे नहीं जानते कि अस्तित्व बचाने का और तरीका क्या है, इसलिए मैंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया है। वह द्रमुक के संस्थापक, द्रविड़ वरिष्ठ नेता दिवंगत सीएन अन्नादुरई के राजनीतिक उत्तराधिकारियों में से एक हैं।
उन्होंने अन्नादुरई के कथन का जिक्र करते हुए कहा कि हर कोई जानता है कि हम किसी भी धर्म के दुश्मन नहीं हैं। मैं धर्मों पर अन्ना की टिप्पणी बताना चाहूंगा जो आज भी प्रासंगिक है। अगर कोई धर्म लोगों को समानता की ओर ले जाता है और उन्हें भाईचारा सिखाता है तो मैं भी एक अध्यात्मवादी हूं। अगर कोई धर्म लोगों को जातियों के नाम पर विभाजित करता है, अगर वह उन्हें अस्पृश्यता और गुलामी सिखाता है तो मैं ऐसे धर्म का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा।
उन्होंने कहा कि द्रमुक उन सभी धर्मों का सम्मान करती है जो सिखाते हैं कि हर कोई जन्म से समान होता है। उन्होंने कहा कि लेकिन प्रतीत होता है कि इनमें से किसी के बारे में उन्हें बिल्कुल भी समझ नहीं है। मोदी और उनके सहयोगी संसदीय चुनावों का सामना करने के लिए पूरी तरह से इस तरह की बदनामी पर निर्भर हैं। मैं केवल उनके लिए खेद महसूस कर सकता हूं। पिछले 9 वर्षों से मोदी कुछ नहीं कर रहे। कभी वह नोटबंदी करते हैं, झोपड़ियों को छिपाने के लिए दीवार बनाते हैं, नया संसद भवन बनाते हैं, वहां सेंगोल (राजदंड) खड़ा करते है, देश का नाम बदलकर खिलवाड़ करते हैं, सीमा पर खड़े होकर सफेद झंडा लहराते हैं।
उन्होंने पूछा कि क्या पिछले 9 वर्षों में केंद्र सरकार की ओर से द्रमुक की 'पुधुमई पेन' या मुख्यमंत्री नाश्ता योजना या कलैग्नार की महिला अधिकार योजना जैसी कोई प्रगतिशील योजना आई है? क्या उन्होंने मदुरै में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) बनाया है? क्या उन्होंने कलैग्नार शताब्दी पुस्तकालय जैसे किसी ज्ञान मुहिम को आगे बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि भारत में मणिपुर के बारे में सवालों का सामना करने से डरकर वह अपने दोस्त (गौतम) अडाणी के साथ दुनिया भर में घूम रहे हैं। सच तो यह है कि लोगों की अज्ञानता ही उनकी नाटकीय राजनीति की पूंजी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी और उनके सहयोगी मणिपुर में भड़के दंगों में 250 से अधिक लोगों की हत्या और 7.5 लाख करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार समेत तथ्यों से ध्यान भटकाने के लिए 'सनातन' धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए बहुत सारा काम है, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शामिल है और उन्होंने उनसे उस पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने कहा कि मैं सूचित करना चाहूंगा कि हमारे पार्टी अध्यक्ष (तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के .स्टालिन) के मार्गदर्शन और हमारी पार्टी आलाकमान की सलाह पर मैं अपने खिलाफ दायर मामलों का कानूनी रूप से सामना करूंगा।(भाषा)