पटना। केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने विशेष अदालत से दंड प्रक्रिया संहिता की सुविधा समाप्त होते ही आत्मसमर्पण कर दिया, जहां बाद में उन्हें जमानत पर मुक्त कर दिया गया।
सांसदों और विधायकों की विशेष अदालत के न्यायाधीश परशुरामसिंह यादव ने गुरुवार को प्रथम पाली में सांसद यादव की अनुपस्थिति के कारण उन्हें पूर्व में वकील के माध्यम से मुकदमा लड़ने की दी गई सुविधा को रद्द कर दिया, जिसके बाद उन्होंने तुरंत न्यायालय में आत्समर्पण करने के साथ ही जमानत पर मुक्त किए जाने की प्रार्थना की, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने यादव को पांच हजार रुपए के निजी मुचलके के साथ उसी राशि के दो जमानतदारों का बंध-पत्र दाखिल करने के बाद जमानत पर मुक्त किए जाने का आदेश दिया।
मामला पटना जिले के फुलवारीशरीफ स्थित जानीपुर थाने का है। मामले की प्राथमिकी 27 अक्टूबर 2015 को दर्ज की गई थी। सांसद यादव पर धारा 144 के उल्लंघन का आरोप है। उन पर प्राथमिकी भादंवि की धारा 188 के तहत दर्ज की गई थी।
यादव को इस मामले में वकील के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित होने और मुकदमा लड़ने की सुविधा प्राप्त हुई थी। इसके तहत न्यायालय का आदेश होने पर उन्हें आरोप गठन और बयान दर्ज करने जैसे विशेष अवसरों पर उपस्थित होना था।
मामला आरोप तय करने के लिए लंबित था और उनकी अनुपस्थिति के कारण विशेष अदालत ने उनके वकील की ओर से दाखिल की गई अर्जी को खारिज करते हुए यह सुविधा आज समाप्त कर दी थी, जिसके बाद यादव ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया और जमानत पर मुक्त भी हो गए। (वार्ता)