मुंबई। भारत में मनोचिकित्सकों की शीर्ष संस्था ने कहा है कि एलजीबीटीएक्यूए समुदाय के सदस्यों के साथ देश के अन्य नागरिकों की तरह सुलूक किया जाना चाहिए तथा उनकी शादी, दत्तक ग्रहण, शिक्षा, रोजगार, संपत्ति अधिकार एवं स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच होनी चाहिए।
इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी (आईपीएस) ने तीन अप्रैल को एक बयान में कहा था कि ऐसा संकेत करने वाला कोई सबूत नहीं है कि लेज़्बीअन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर, एसेक्शुअल (एलजीबीटीक्यूए) लोग शादी, दत्तक ग्रहण, शिक्षा, रोजगार, संपत्ति अधिकार एवं स्वास्थ्य देखभाल में हिस्सा नहीं ले सकते हैं और इस बाबत किया जाने वाला भेदभाव मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। इस संस्था का मुख्यालय हरियाणा के गुरुग्राम में है।