मलिक पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, अन्य गैरकानूनी गतिविधियों और कश्मीर में शांति भंग करने का आरोप था। मलिक ने इस मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आरोप लगाया था कि आतंकी फंडिंग के लिए पैसा पाकिस्तान और उसकी एजेंसियों की ओर से भेजा गया था और यहां तक कि राजनयिक मिशन का इस्तेमाल गलत मंसूबों को पूरा करने के लिए किया गया था। अदालत ने भी कहा है कि घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों और आरोपी हाफिज सईद द्वारा आतंकी फंडिंग के लिए पैसा भी भेजा गया था।
एनआईए के अनुसार, विभिन्न आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) पाकिस्तान के आईएसआई के समर्थन से, नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमला करके घाटी में हिंसा को अंजाम दिया।