शास्त्रों में वर्णित अनेक विधियां हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शनि की शांति हेतु रुद्राभिषेक व हनुमानजी की सेवा, हवन आदि।
* भैरव साधना, मंत्र जप आदि करें।
* सुंदरकांड का पाठ सर्वश्रेष्ठ फल प्रदान करता है।
ऐसे कई उपाय हैं, जिनके द्वारा शनि की शांति होती है। अतः जातक व पाठकगण श्रद्धा के साथ कोई भी एक उपाय करता रहे, जिससे कि वह स्वयं अनुभव लेकर दूसरे किसी अन्य पीड़ित व्यक्ति के कष्ट दूर कर सकता है।