दूध चढ़ाने से होता है ये अद्भुत चमत्कार
नागनाथ स्वामी मंदिर : केरल का यह शिव मंदिर खासकर राहु-केतु मंदिर के नाम से विख्यात है। लोग इसे केतु मंदिर कहते हैं, क्योंकि यहां पर केतु से संबंधित पीड़ा के समाधान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। केतु को सांपों का देवता कहा जाता है, क्योंकि उसका सिर इंसान का और धड़ सांप का है इसीलिए इसे 'नागनाथ स्वामी' मंदिर भी कहते हैं।
कौन है केतु : उल्लेखनीय है कि अमृत मंथन के समय राहु नामक असुर देवताओं का भेष धारण करके अमृत चखने के लिए देवताओं की पंक्ति में बैठ गया था और उसने अमृत को मुंह में लिया ही था कि तभी यह बात मोहिनी बने श्रीहरि विष्णु को पता चली तो उन्होंने सुदर्शन चक्र से राहु की गर्दन काट दी। इसके बाद से ही राहु को गर्दन के रूप में और उनके धड़ को केतु के रूप में पूजा जाने लगा। ज्योतिष के अनुसार 9 ग्रहों में राहु और केतु को भी रखा गया है। ये दोनों ही छाया ग्रह हैं।
दूध का बदल जाता है रंग : यहां पर राहु और केतु की प्रतिमा पर लोग दूध अर्पित करते हैं। कहते हैं कि जैसे ही दूध को इनकी प्रतिमा पर अर्पित किया जाता है तो दूध का रंग बदलकर नीला हो जाता है। यहां पर राहुदेव पर दूध चढ़ाया जाता है और केतु दोष से पीड़ित व्यक्ति का दूध नीले रंग में बदल जाता है। हालांकि यह कैसे होता है, इसका रहस्य अभी तक बरकरार है।