भगवान जगन्नाथ के रथ से प्रेरित : नंदी घोष का नाम भगवान जगन्नाथ के रथ से प्रेरित है, जिसे शक्ति और संरक्षण का प्रतीक माना जाता है। इस नाम से यह वाहन भारतीय सेना की ताकत, दृढ़ता और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
मेजर राधिका सेन करेंगी नेतृत्व : एएनआई से बातचीत में मेजर राधिका सेन ने गर्व से बताया कि वे उन मशीनीकृत बलों का हिस्सा हैं जो गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे। उन्होंने बताया, "मैं नंदीघोष वाहन पर मौजूद रहूंगी, जो एक उन्नत और तेज प्रतिक्रिया वाहन है। यह हमारे देश के स्वदेशी रक्षा उत्पादन में एक अहम उपलब्धि है।" उन्होंने बताया कि यह वाहन विशेष रूप से माइन-प्रोटेक्टेड आर्मर्ड पर्सनल कैरियर के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसमें एक बार में 8 सैनिकों को ले जाने की क्षमता है, साथ ही ड्राइवर और सहायक चालक के लिए भी जगह है। यह वाहन न केवल आतंकवाद-रोधी अभियानों में, बल्कि पहाड़ी इलाकों में भी अपनी उपयोगिता सिद्ध कर चुका है। मेजर राधिका ने यह भी बताया कि इन वाहनों का उपयोग अब संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भी किया जा रहा है, जहां भारत अपनी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित कर रहा है। यह देश की आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति का जीवंत उदाहरण है।
कर्तव्य पथ पर नंदी घोष के अलावा अन्य एडवांस्ड सैन्य तकनीकों और झांकियों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। भारतीय राज्यों की सांस्कृतिक विविधता, सेना की ताकत और झांकियों के जरिए भारत के गौरवशाली इतिहास और भविष्य की दिशा को दर्शाया जाएगा। गणतंत्र दिवस की इस परेड में नंदी घोष वाहन की भूमिका न केवल सैन्य ताकत को बल्कि भारतीय तकनीकी उद्योग की प्रगति को भी उजागर करेगी। परेड में कई अन्य आकर्षक झांकियां भी देखने को मिलेंगी। विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झांकियां, देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन, और परेड के दौरान होने वाली आकाशीय गतिविधियां सब मिलकर इस दिन को और भी खास बनाएंगी।