Ukraine के इन 2 हथियारों से फूला Russia का दम, आर्मर्ड व्हीकल और टैंक पलक झपकते ही हो रहे हैं तबाह

मंगलवार, 1 मार्च 2022 (17:20 IST)
कीव। यूक्रेन और रूस के बीच घमासान युद्ध चल रहा है। रूस पूरी शक्ति से यूक्रेन पर हमला बोल रहा है और यूक्रेन की राजधानी कीव पर लगातार बमबारी कर रहा है। इस युद्ध का छठा दिन है। कोई भी देश युद्ध में यूक्रेन की सीधी मदद नहीं कर रहा है, लेकिन फिर भी यूक्रेन रूस के टैंक तबाह किए जा रहा है। यूक्रेन पास मौजूद स्ट्रिंगर और जैवलीन मिसाइलें रूस के टैंकों, आर्मर्ड व्हीकल को आसानी से तबाह कर रही है। यूक्रेन के बुलंद हौसलों के बाद रूस ने परमाणु हमले की धमकी दी है। यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूस के 100 टैंक और 20 सैन्य वाहन तबाह कर दिए हैं।
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इस मिसाइलों ने रूस की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। युद्ध की शुरुआत में रूस का मानना था कि यूक्रेन जल्द ही घुटने टेक देगा, लेकिन वह रूस को अपने क्षेत्रों में बराबरी की टक्कर दे रहा है। यूक्रेन को इस मिसाइलों का जखीरा अमेरिका ने दिया है। अमेरिका (America) ने जनवरी में ही यूक्रेन को 300 एंटी टैंक जेवलिन मिसाइलों यूक्रेन भेजी थीं।
कैसे काम करती हैं ये मिसाइलें : ये मिसाइलें मैन पोर्टेबल हैं, इन्हें यूक्रेनी सैनिक कंधों पर रखकर फायर कर सकते हैं। जेवलिन मिसाइलों को आर्मर्ड व्हीकल, टैंक और बंकरों को उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जेवलिन अमेरिका में बनी हुई एंटी टैंक मिसाइल है। यह मिसाइल अपने लक्ष्य को साधने के लिए इंफ्रारेड तकनीक का इस्तेमाल करती है। 
 
इस मिसाइल को टैंकों के खिलाफ सबसे अधिक प्रभावी माना जाता है। जेवलिन मिसाइल का इस्तेमाल बिल्डिंगों और दुश्मन के अड्डों को उड़ाने के लिए भी किया जाता है। जेवलिन के अलावा यूक्रेन को अमेरिकी स्ट्रिंगर मिसाइलें भी दी गई हैं। 
 
यह मिसाइल हवा में उड़ते लो फ्लाइंग ड्रोन और हेलीकॉप्टर को को मार गिराने में सक्षम है। स्ट्रिंगर मिसाइलों को कंधे पर रखकर आसानी से कहीं से भी फायर किया जा सकता है। इन मिसाइलों से यूक्रेनी सैनिक रूसी टैंकों को निशाना बना रहे हैं।

इंफ्रारेड गाइडेंस सिस्टम से दुश्मन का पीछा : जेवलिन अमेरिका में बनी हुई एंटी टैंक मिसाइल है। जेवलिन मिसाइल को अमेरिका 1996 से ही इस्तेमाल कर रहा है। अमेरिकी सेना इस मिसाइल को अफगानिस्तान युद्ध, इराक युद्ध, सीरिया युद्ध और लीबिया युद्ध में इस्तेमाल कर चुकी है। यह मिसाइल अपने इंफ्रारेड गाइडेंस सिस्टम से दुश्मन का पीछा करती है।

इससे मिसाइल को फायर करने के बाद सैनिक के पास छिपने के लिए समय मिल जाता है। अमेरिकी सेना जनवरी 2019 तक 5000 से अधिक जेवलिन मिसाइलों को फायर कर चुकी है। इसकी प्रभावी रेंज 2500 मीटर तक बताई जाती है। इसके बाद यह मिसाइल गुरुत्वाकर्षण के कारण जमीन की तरफ गिरने लगती है। कई यूरोपीय देश पहले ही यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार दे चुके हैं। (Photo courtesy : Defence of Ukraine twitter)

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