Russia Ukraine War: रूस ने मारियुपोल के लोगों से हथियार डालने की मांग की, यूक्रेन ने ठुकराया प्रस्ताव, भयानक युद्ध का खतरा
ल्वीव (यूक्रेन)। रूस ने यूक्रेन के मारियुपोल में सुरक्षित मानवीय गलियारे के बदले बंदरगाह शहर के लोगों से हथियार डालने की मांग की है। हालांकि यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। रूसी सेना ने एक कला विद्यालय पर बमबारी करने के कुछ घंटे बाद यह प्रस्ताव दिया था। इस विद्यालय में लगभग 400 लोगों ने शरण ले रखी थी। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस यूक्रेनी शहर पर नियंत्रण के लिए लड़ाई अब भी तेज है।
रूसी कर्नल जनरल मिखाइल मिजिंत्सेव ने कहा है कि वह मारियुपोल से प्रस्थान के लिए 2 निकासी गलियारों की स्थापना की अनुमति देंगे जिनमें से एक पूर्व में रूस की तरफ तो दूसरा पश्चिम में यूक्रेन के अन्य हिस्सों की ओर जाएगा। मारियुपोल के लोगों को इस प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए सोमवार सुबह 5 बजे तक का समय दिया गया था। हालांकि, रूस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यूक्रेन के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद वह क्या कार्रवाई करेगा।
यूक्रेन की उपराष्ट्रपति इरिना वेरेश्चुक ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना करते कहा कि आत्मसमर्पण करने, हथियार डालने का सवाल ही नहीं उठता। हमने रूसी पक्ष को पहले ही इस बात की जानकारी दे दी है। हमने उनसे कहा है कि वे आठ पन्नों की चिट्ठी लिखने पर वक्त बर्बाद करने के बजाय गलियारे खोलें।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी 'आरआईए नोवोस्ती' की खबर के अनुसार रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन नहीं माना तो मारियुपोल के अधिकारियों को एक सैन्य न्यायाधिकरण का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच सोमवार तड़के यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक वीडियो संदेश जारी कर बताया कि रूसी सेना ने एक कला विद्यालय पर बमबारी की जिसमें लगभग 400 लोगों ने शरण ले रखी थी।
उन्होंने कहा कि वहां मौजूद लोग मलबे में दब गए हैं। हमें नहीं पता कि उनमें से कितने बच पाए हैं। लेकिन हम यह जरूर जानते हैं कि हम कला विद्यालय पर बम बरसाने वाले पायलट को निश्चित तौर पर मार गिराएंगे। इससे पहले मारियुपोल के एक सिनेमाघर पर भी बम बरसाए गए थे, जहां 1,000 से अधिक लोगों ने शरण ले रखी थी। शहर में 3 हफ्ते से अधिक समय से बमबारी हो रही है और इसने युद्ध के कुछ सबसे भयानक मंजर देखे हैं। मारियुपोल के अधिकारियों ने बताया कि रूसी हमलों से शहर में कम से कम 2,300 लोग मारे गए हैं जिनमें से कुछ को सामूहिक कब्रों में दफनाया गया है।