ऐसा माना जाता है कि संसार की पहली किताब कल्पद्रुम है, जबकि संसार की पहली पुस्तक ऋग्वेद को माना जाता है। यूनेस्को ने ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की लगभग 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है। हालांकि ऋग्वेद के ज्ञान की वाचिक परंपरा को हजारों वर्ष पुरानी माना जाता है, परंतु कल्पद्रमु क्या है?
कल्पद्रुम क्या है:-
कुछ लोगों के अनुसार यह दुनिया का पहला धर्मग्रंथ माना जा सकता है, जो समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुआ।
कुछ लोग इसे संस्कृत भाषा की उत्पत्ति से जोड़ते हैं और कुछ लोग मानते हैं कि इसे ही कल्पवृक्ष कहते हैं।
कुछ का कहना है कि पारिजात के वृक्ष को कल्पवृक्ष कहा जाता है।
ज्योतिषियों के अनुसार कल्पद्रुप एक प्रकार का योग होता है।
संस्कृत शब्द कल्पद्रुम का अर्थ है एक सर्वशक्तिमान वृक्ष या एक वृक्ष जो सभी इच्छाओं को पूरा करता है।
यह स्पष्ट नहीं है कि कल्पद्रुम आखिर क्या है?
कल्पद्रुम का अर्थ- हरिचन्दन, पारिजात, मन्दार, कल्पवृक्ष, देवद्रुम आदि।
जैन धर्म में पूजा के दौरान कलपद्रुम महामंडल का विधान है। 20000 सीढि़यां चढ़कर 144 किलोमीटर लंबी इन्द्रनीलमणि की शिला है, इस पर चार कोट, पांच वीथियां अर्थात् गलियां तथा 8 भूमियां। आठवीं भूमि के मध्य गंधकुटी तीन कटनी से युक्त है, उनमें पहली कटनी पर यक्ष धर्मचक्र लेकर खड़ा होता है। देशों का वैक्रिमिक शरीर होता है।