बेंगलुरु:कोरोना महामारी के कारण करीब एक साल के लंबे अंतराल के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम अंतर्राष्ट्रीय मैच के लिए तैयार है। टीम फरवरी और मार्च में 17 दिन के यूरोप दौरे पर जाएगी और गोलकीपर पीआर श्रीजेश की कप्तानी में जर्मनी और ब्रिटेन के साथ दो-दो मैच खेलेगी। हरमनप्रीत सिंह इस दौरे पर उपकप्तान होंगे।
22 सदस्यीय टीम 21 फरवरी को बेंगलुरु से जर्मनी के क्रेफेल्ड के लिए रवाना होगी और 28 फरवरी और दो मार्च को जर्मनी के साथ मैच खेलेगी। इसके बाद टीम बेल्जियम के एंटवर्प जाएगी, जहां उसका छह और आठ मार्च को ब्रिटेन के साथ मुकाबला होगा। भारतीय टीम ने अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला फरवरी 2020 में खेला था, जब वह भुवनेश्वर में आयोजित एफआईएच (इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन) हॉकी प्रो लीग मैचों के दौरान ऑस्ट्रेलिया से भिड़ी थी, जिसमें अपने अच्छे प्रदर्शन की बदौलत टीम एफआईएच विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर आ गई थी, जो भारत की अब तक की सर्वेश्रेष्ठ रैंकिंग है।
टीमों के प्रशिक्षण और प्रतियोगिता स्थल पर हॉकी इंडिया और मेजबान राष्ट्रीय हॉकी एसोसिएशन्स ने जर्मनी और बेल्जियम दोनों देशों में जैव सुरक्षित वातावरण (बायो बबल) बनाने की योजना बनाई है। भारतीय टीम के लिए होटल में भोजन, बैठक और सत्र आदि के लिए अलग कमरों और हॉल का प्रावधान किया गया है। इसी तरह बस में भी बैठने के लिए इसी तरह की व्यवस्था की जाएगी। टीम के सदस्यों को होटल और बस में यात्रा के दौरान बायो बबल से बाहर जाने और अन्य किसी व्यक्ति से बात करने की अनुमति नहीं होगी।
भारतीय टीम के प्रमुख कोच ग्राहम रीड ने अपनी टीम को प्रतिस्पर्धा में भाग लेने पर उत्सुकता व्यक्त करते हुए कहा, 'हमें यूरोप जाने का मौका मिला है इसके लिए हम बहुत आभारी हैं। हम 12 महीनों में अपने पहले प्रतिस्पर्धी मैच का इंतजार कर रहे हैं। जर्मनी और ब्रिटेन जैसी शक्तिशाली टीमों के खिलाफ खेलने से हमें शानदार प्रतिस्पर्धा मिलेगी और हमारे एफआईएच (इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन) हॉकी प्रो लीग और ओलंपिक खेलों की तैयारी में काफी मदद मिलेगी। किसी भी शीर्ष 10 रैंक वाली टीम के साथ खेलना हमेशा एक शानदार अनुभव होता है।'