बेंगलुरु। भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच शुअर्ड मरीने ने कहा कि हॉलैंड के खिलाफ होने वाली 4 मैचों की सीरीज से टीम को एशिया कप के लिए अपनी तैयारियों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
भारतीय टीम इस समय यहां साई सेंटर में 33 संभावितों के साथ 3 सप्ताह तक चलने वाले राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा लेने के लिए आई है, जहां वे अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देगी। टीम को 31 अगस्त को हॉलैंड के लिए रवाना होना है।
मुख्य कोच मरीने ने कहा कि राष्ट्रीय शिविर में हम गोल के संबंध में विविधता हासिल करने और गेंद पर अधिक से अधिक कब्जा बनाए रखने की दिशा में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके अलावा हमारा लक्ष्य बुनियादी बातों के अलावा गेंद के पासिंग में सुधार करने का भी है।
उन्होंने कहा कि फिटनेस के पक्ष में मेरा हमेशा से यही उद्देश्य रहा है कि लड़कियों को मैदान पर गति बनाए रखनी होगी। फिटनेस एक ऐसा क्ष होता है, जो आपको मजबूती देने के अलावा विपक्षी टीमों पर दबाव भी लाता है। उल्लेखनीय है कि टीम हॉलैंड में 4 मैचों की सीरीज खेलने के अलावा लीजेंड कोच टून स्पीमैन के मार्गदर्शन में खेल की बारीकियां भी सीखेंगी।
43 वर्षीय मरीने ने कहा कि हम ड्रैगफ्लिक विशेषज्ञ स्पीमैन के साथ नौ अभ्यास सत्र गुजारेंगे। दुनियाभर के बहुत से शीर्ष ड्रैगफ्लिकर खिलाड़ियों ने ने उनके साथ काम किया है और मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे ड्रैक फ्लिकरों को भी इस दिग्गज कोच के अपार अनुभव से बहुत फायदा होगा।
टीम की कप्तान रानी ने कहा कि टीम का मुख्य लक्ष्य अपने प्रदर्शन में निरंतरता रखना है। खेल के कई पक्ष ऐसे हैं जिनमें हमें सुधार की जरूरत है। वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में हमारी कई कमियां सामने आईं जिनसे सीखने की जरूरत है।
भारतीय स्टार फॉरवर्ड ने कहा कि हम अमेरिका के खिलाफ पहले 2 क्वार्ट्स में अच्छा खेल पाए लेकिन तीसरे और चौथे मुकाबले में हम अपनी इस लय को जारी नहीं रख सके। हम कई मैचों में अच्छी शुरुआत के बावजूद जीत हासिल नहीं कर सके। हमें हॉलैंड के खिलाफ और आक्रामक होना होगा, क्योंकि हॉलैंड के खिलाफ जीत से हमें एशिया कप के लिए काफी मदद मिलेगी। (वार्ता)