साराजेवो (बोस्निया-हर्जेगोविना): भारत ने मार्शल आर्ट्स में राष्ट्रमंडल स्तर के अलावा वैश्विक स्तर पर ज्यादा पदक अपने नाम नहीं किये हैं लेकिन 15 साल की मणिपुरी लिंथोई चानाम्बाम से बेहतर भविष्य की उम्मीद बंधी है।(Pic Courtsey- Twitter)
उन्होंने कहा, मैंने 2014 से जूडो शुरू किया था और अक्टूबर 2017 में मैं बेल्लारी में इंस्पायर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (आईआईएस) में आयी। पिछले पांच वर्षों में सभी से काफी सहयोग मिला और मेरी जिंदगी सचमुच बदल गयी।
लिंथोई की निगाहें बड़े टूर्नामेंट में प्रदर्शन करने पर लगी हैं जिसमें पेरिस ओलंपिक 2024 भी शामिल हैं।उन्होंने कहा, मैं पेरिस में पदक जीतने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ करूंगी लेकिन अगर पेरिस में नहीं हो सका तो निश्चित रूप से मैं 2028 ओलंपिक (लास एजिंल्स) में ऐसा कर सकती हूं। (भाषा)