रिजिजू ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक सवाल के जवाब में बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के इन खिलाड़ियों को केन्द्र सरकार की पेंशन योजना के तहत मासिक पेंशन दी जाती है। उन्होंने कहा कि बदहाली में जी रहे कुछ खिलाड़ियों के मामले संज्ञान में आने पर पेंशन के प्रस्ताव पर सक्रियता दिखाते हुए यह पहल की गई है।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल और ओलंपिक सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले प्रतिभावान खिलाड़ियों के सन्यास लेने के बाद आजीवन मासिक पेंशन देने की यह योजना शुरु की गई। इसके तहत वर्तमान में 627 खिलाड़ियों को 12 हजार से 20 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जा रही है।
राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के कल्याण से जुड़े पूरक प्रश्न के उत्तर में रिजिजू ने कहा कि खेल राज्य का विषय है, राज्यों को अपने क्षेत्राधिकार में श्रेष्ठ खिलाड़ियों की पहचान कर उनके कल्याण की योजनाएं शुरु करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल सुविधाओं को भी बेहतर बनाना राज्यों की जिम्मेदारी है। इस दिशा में केन्द्रीय एजेंसी के रूप में भारतीय खेल प्राधिकरण देश के तमाम हिस्सों में स्टेडियम सहित सभी खेल सुविधाए मुहैया कराता है। इनका खिलाड़ी निशुल्क उपयोग कर सकते हैं। राज्यों को भी इस क्रांतिकारी पहल का अनुसरण करना चाहिए।