उन्होंने कहा,चोटिल होने के कारण मैं 2019 में पूरे सत्र में नहीं खेल पाया था और इसके बाद कोविड के कारण खेल नहीं हो पाए और आखिर में 2021 में ओलंपिक का आयोजन हुआ। आगे बढ़ने के साथ मेरे खेल में सुधार होता रहा और मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ता रहा।चोपड़ा ने कहा,इसलिए जीत का यह सिलसिला मुझे प्रभावित नहीं कर पाया क्योंकि मैंने हार का सामना किया था और उन्हें स्वीकार किया था।(भाषा)