नई दिल्ली। लगभग दो दशक तक भारतीय महिला फुटबॉल की धुरी रही ओनम बेमबेम देवी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में अर्जुन पुरस्कार ग्रहण करने के बाद मंगलवार को कहा कि यह अवॉर्ड भारतीय महिला फुटबॉल के लिए है और यह लाखों लड़कियों को फुटबॉल अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
बेमबेम अर्जुन पुरस्कार पाने वाली दूसरी भारतीय महिला फुटबॉलर बन गई हैं। अर्जुन अवॉर्ड पाने वाली पहली भारतीय महिला फुटबॉलर शांति मलिक थीं, जिन्हें 1983 में यह पुरस्कार मिला था। उनके 34 साल बाद जाकर बेमबेम को यह पुरस्कार मिला है। बेमबेम अर्जुन पुरस्कार पाने वाली 25 वीं फुटबॉलर बनी हैं। अंतिम अर्जुन बनने वाले फुटबॉलर सुब्रत पाल थे जिन्हें 2016 में यह पुरस्कार मिला था।
भारतीय फुटबॉल की दुर्गा कहे जाने वाली बेमबेम ने 1995 में अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया था और लगभग दो दशक तक खेलने के बाद उन्होंने फरवरी 2015 में शिलांग में सैफ खेलों का स्वर्ण पदक जीतने के बाद फुटबॉल को अलविदा कह दिया था। वह 2001 और 2013 में एआईएफएफ की वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला फुटबॉलर रहीं थीं।
फुटबॉल से संन्यास के बाद भी महिला फुटबॉल के प्रति जागरूकता फैलाने में लगी बेमबेम ने इस सम्मान पर गद्गद् होते हुए कहा, 'यह भारतीय महिला फुटबॉल के लिए अवॉर्ड है, जो देश में लाखों लड़कियों को फुटबॉल अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। मैं उम्मीद करती हूं कि इस अवॉर्ड से लड़कियों को खेलों में उतरने में मदद मिलेगी और वे फुटबॉल को अपनाने से झिझकेंगी नहीं।'
बेमबेम ने कहा, 'मुझे बेहद खुशी हुई है और मुझे लग रहा है कि मेरा दो दशकों का बलिदान बेकार नहीं गया है। मैं अपने टीम साथियों, कोचों, परिवार, एआईएफएफ और समूचे फुटबॉल समुदाय का धन्यवाद करती हूं।' (वार्ता)