बुडापेस्ट। भारत की पूजा ढांडा ने सीनियर विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में गुरुवार को नया इतिहास रच दिया। पूजा ने 57 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता और इसके साथ ही वह विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं।
57 किग्रा में पूजा ने रेपचेज में अज़रबेजान की एलोना कोलेसनिक को 8-3 से हराकर कांस्य पदक मुकाबले में जगह बना ली और फिर नॉर्वे की ग्रेस जैकब की चुनौती को 10-7 से तोड़कर एक नया इतिहास बना दिया।
भारत का विश्व कुश्ती प्रतियोगिता के इतिहास में यह नौंवां पदक और किसी भारतीय महिला पहलवान द्वारा जीता गया पहला पदक है। इससे पहले तक सभी आठ पदक पुरुष पहलवानों ने जीते थे।
ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मालिक की 62 किग्रा मुकाबले में रेपचेज़ में चुनौती टूट गई थी जबकि रितु फोगाट (50) और पूजा ढांडा (57) ने अपने रेपचेज मुकाबले जीतकर कांस्य पदक मुकाबले में जगह बनाई थी।
साक्षी, रितु और पूजा ने कल रेपचेज में पहुंच कर पदक की उम्मीदें बनाई थीं लेकिन इन तीन पहलवानों में से सबसे पहले साक्षी रेपचेज में हारकर बाहर हो गईं। भारत की एक अन्य पहलवान रितु मलिक कांस्य पदक मुकाबले में जापान की अयाना गेम्पेइ से 3-7 से हार गईं थीं।
ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास बनाने वाली साक्षी ने रेपचेज में हंगरी की मरियाना सास्तिन से कड़ा मुकाबला किया लेकिन उन्हें 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। रितु फोगाट ने रेपचेज़ में रोमानिया की एमिलिया एलीना को हराकर कांस्य पदक मुकाबले में जगह बना ली। रितु का कांस्य पदक के लिए यूक्रेन की ओकसाना लिवाच से मुकाबला था लेकिन भारतीय पहलवान को 5-10 से हार का सामना करना पड़ा और उनकी भी कांस्य पदक की उम्मीदें टूट गईं।
रितु फोगाट की हार के बाद भारत की सारी उम्मीदें पूजा पर टिक गई थीं और पूजा ने करोड़ों देशवासियों को निराश नहीं किया। पूजा ने संघर्षपूर्ण मुकाबले में नॉर्वे की ग्रेस जैकब को 10-7 से हराकर भारतीय खेमे में ख़ुशी की लहर दौड़ा दी। भारत का इस चैंपियनशिप में यह दूसरा पदक है। इससे पहले बजरंग पुनिया ने पुरुष फ्रीस्टाइल के 65 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता था। (वार्ता)