बिग बॉस का टापू

हम शहरी लोग पिकनिक मनाने जाते हैं। किसी कुदरती जगह पर जाकर लकड़ी-कंडों पर खाना पकाते हैं। उस पकाने के दौरान जो दिक्कतें आती हैं, वही हमारा आनंद बन जाता है। कोई लकड़ी बीनकर ला रहा है, कोई दूर से पानी ला रहा है। आरामतलबी हमें उबा देती है, तो हम बदलाव के तौर पर थोड़ा कष्ट उठाना चाहते हैं। हमें अपना वो किचन अच्छा नहीं लगता जहाँ सब कुछ व्यवस्थित होता है। इधर सिंक, उधर फ्रिज, ऊपर मसालों के डिब्बे, नीचे ग्राइंडर, पास में माइक्रोवेव...। इसीलिए नए चैनल "रीयल" पर आने वाला कार्यक्रम "सरकार की दुनिया" अच्छा लग रहा है। इसका मूल आइडिया यूँ तो बिग बॉस से मारा गया है, पर मौलिकता पैदा करने के लिए इसमें दूसरे बदलाव भी किए गए हैं।

इस रियलिटी शो में सरकार का चेहरा दिखता है। बिग बॉस में नहीं दिखता था। बरसों बेकारी झेलने के बाद आशुतोष राणा की वापसी इस सीरियल से हो रही है। वे सरकार बने हैं। सरकार का गेटअप शाकाल वाला है। आशुतोष राणा ने खलनायक के रोल छोड़ दिए थे और जिद धारी थी कि रोल करेंगे, तो हीरो का करेंगे। सो वो अकड़ टूट गई है। कहावत है- पांडेजी पछताएँगे, वही चने की खाएँगे। तौबा टूटी भी तो टूटे हुए पैमाने पर...। बिग बॉस में घर का दरवाजा बाहर से बंद था। यहाँ दरवाजे खुले हैं, पर ये शो हो रहा है एक ऐसे टापू पर जिसके एक तरफ नदी है और दूसरी तरफ समुद्र। यानी पिकनिक का पूरा सामान।

इस शो में अठारह लोग हैं। कुछ पुरुष, कुछ नारियाँ और एक किन्नार भी। पुरुषों में कुछ बदतमीज हैं, कुछ महाबदतमीज हैं। जाहिर है इनका चयन इसी योग्यता के आधार पर हुआ है कि ये खड़ी दीवार तक से झगड़ा मांड सकते हैं। लड़कियों में सुलक्षणा कोई नहीं है, झगड़े में वो गले की ताकत की हद तक अपने पुरुष साथियों का पूरा साथ देती हैं। झगड़ा, गाली-गुफ्तार यानी टीआरपी।

बिग बॉस में इस बार एक गायक था, सो यहाँ भी है। नाम है तौकीर काजी। श्रीनगर का वही बंदा, जो रियलिटी शो में गाने गाकर प्रसिद्ध हुआ था। इन अठारह लोगों में सबसे नामचीन यही है। ये बंदा भी खाली समय में गाने गाता है और मोहब्बत करने की प्रेक्टिस करता है। कुछ मॉडल लड़कियाँ हैं, जिन्हें बेहद कम पारिश्रमिक में लाया गया है। छप्परों वाला किचन है और छप्परों वाला ही बाथरूम। महिलाओं और पुरुषों का बाथरूम अलग-अलग नहीं है।

बिग बॉस में महिला-पुरुषों का कमरा अलग था। एक ब्ल्यू रूम था, एक पिंक रूम था। यहाँ सबका बिस्तर एक ही कोंदवाड़े में लगता है। नए टीवी चैनल कलर को बिग बॉस ने सहारा दिया था। इस नए चैनल को आस है "सरकार की दुनिया" से। देखना है काठ की हांडी कितनी बार आग पर चढ़ती है।

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