टोक्यो: पहले मैच में हॉकी की शीर्ष टीम नीदरलैंड से हुए मुकाबले में भारतीय महिला हॉकी टीम जब 1-1 की बराबरी पर थी तो फैंस को लगा कि इस बार महिला हॉकी टीम पूरे टूर्नामेंट में कुछ कर गुजरने के अंदाज में खेलेंगी। लेकिन इसके बाद भारतीय महिला टीम से वह नतीजा नहीं निकला जिसकी फैंस उम्मीद कर रहे थे।
दूसरे हाफ में नीदरलैंड्स से 4 गोल खाने वाली भारतीय टीम आज जर्मनी के खिलाफ एक भी गोल करने में नाकाम रही। भारतीय महिला हॉकी टीम को तोक्यो ओलंपिक में लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा और सोमवार को पूल ए के मैच में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता जर्मनी ने उसे 2-0 से मात दी ।
पहले मैच में दुनिया की नंबर एक टीम नीदरलैंड के हाथों 1- 5 से हारने के बाद भारतीयों ने आज बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन दुनिया की तीसरे नंबर की टीम को हराने के लिये यह काफी नहीं था।
मैच में 9 से 10 बार भारतीय महिला टीम जर्मनी के डी में जाने में सक्षम हुई लेकिन सिर्फ एक बार पेनल्टी कॉर्नर लेने में विफल रही। सबसे ज्यादा निराशाजनक बात इस पेनल्टी कॉर्नर के बाद ही हुई।
पेनल्टी कॉर्नर के दौरान गेंद जर्मनी की खिलाड़ी के जांघ पर लग गई और भारत ने रिव्यू लिया जो टीवी अंपायर ने माना और भारत को एक पेनल्टी स्ट्रोक मिला। भारत ने एक सब्सटिट्यूट खिलाड़ी गुरजीत कौर को मैदान में सिर्फ इस ही पेनल्टी स्ट्रोक के लिए बुलाया।
ऐसा लग रहा था कि भारत 1-1 की बराबरी कर लेगा लेकिन जर्मनी की गोलकीपर ने सिर्फ अपना दायां हाथ उठा कर गेंद को रोक लिया। इसके बाद जर्मनी ने कमजोर भारतीय डिफेंस को भेदकर एक और गोल दागा।
2-0 की बढ़त लेने के बाद भारत जर्मनी के मजबूत डिफेंस को भेद नहीं पाया और लगभग 60 प्रतिशत का बॉल पसेशन रखते हुए जर्मनी यह मैच जीत गई।
भारत की गुरजीत कौर ने तीसरे क्वार्टर में पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल करने का मौका भी गंवाया । जर्मनी के लिये कप्तान निकी लौरेंज ने 12वें और अन्ना श्रोडेर ने 35वें मिनट में गोल किये ।
भारत का सामना बुधवार को ग्रेट ब्रिटेन से होगा जो पिछले ओलंपिक के गत विजेता है और पिछला मैच जर्मनी से हार चुकी है। जाहिर तौर पर भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए टोक्यो ओलंपिक की राह आसान नहीं होने वाली है।