पर्यटन की संभावनाएँ कोटा में

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कोटा में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं इसे और विकसित करने की माँग पर्यटन सदस्य वेंकट अग्रवाल और भाजयुमो के नगर अध्यक्ष संतोष मानिकपुरी प्रभारी मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल से की है।

वेंकट अग्रवाल ने कहा कि कोटा नगर के मध्य में स्थित ऊँचे पहाड़ पर बने मंदिर में श्री सिद्घबाबा विराजमान है। जिनकी भगवान शिव के रूप में पूजा की जाती है। लोगों की इस मंदिर के प्रति बड़ी आस्था है। यहाँ तक पहुँचने के लिए उपयुक्त मार्ग नहीं होने के कारण लोगों को आने-जाने में असुविधा होती है। मंदिर के नीचे ग्राउंड है जहाँ पर विभिन्न खेल स्पर्धाएँ होती रहती है।

इस ग्राउंड पर पर्यटन विभाग के द्वारा वॉच टॉवर, मोटल, होटल का निर्माण किया जा सकता है। इससे पर्यटकों को असुविधा नहीं होगी। रेलवे स्टेशन के लगे पहाड़ के पास कोट सागर तालाब है। यह तीनों ओर से पहाड़ी से घिरा हुआ है। इस मनोरम स्थल का पर्यटन विकास होना आवश्यक है।

नगर में घोंघा डेम है जो पहाड़ियों से घिरा हुआ होने के कारण लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है। पुराने सड़क के ऊपर पुल बनने से सीधे मुख्य डेम तक पहुँचा जा सकता है। दलहा बाबा पहाड़ नवागाँव के पास लगभग एक हजार फुट ऊँचा पहाड़ है जहाँ से अचानकमार के पहाड़, खुंटा घाट, घोंघा डेम, कोटा नगर को देखा जा सकता है।

यहाँ प्रतिवर्ष बसंत पंचमी को मेले का आयोजन किया जाता है। यहाँ प्रवासी पक्षियों के कारण लोग इन्हें देखने आते रहते हैं। घोंघा डेम, खुंटा घाट डेम और खुड़िया डेम में प्रवासियों का डेरा रहता है। इन्हें पक्षी विहार घोषित करना चाहिए जिससे पक्षियों को संरक्षण मिले।

कोटा स्टेशन में नॉन स्टाप ट्रेनों की स्टॉपेज दिलाना आवश्यक है। करगी रोड के निकट चार पर्यटन स्थल जिसमें रतनपुर 14 किमी, अचानकमार 25 किमी की दूरी पर है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्टेशन में होर्डिंग लगाने जरूरी है इससे रेल यात्रियों को पर्यटन स्थलों की जानकारी मिलेगी। कोटा में पर्यटन सूचना केंद्र के लिए अचनाकमार अभ्यारण्य का कार्यालय स्थापित किया जाना चाहिए जिससे लोगों को जानकारी मिल सकें।

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