राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी को एक मौका मिला था, मगर उन्होंने इसे खो दिया है। लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं को किनारे कर दिया गया है, वहीं पार्टी कार्यकर्ता घुटन महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक के बाद एक विफलताओं की वजह से मोदी के जहन में असुरक्षा की भावना घर कर गई है, जो प्रदेश विधानसभा चुनाव में हताशा के रूप में बाहर निकल रही है। वह अपने आभामण्डल को बचाने की जद्दोजहद तो कर रहे हैं, लेकिन विश्वसनीयता का क्षरण उनका पीछा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में करीब 30 साल के बाद केन्द्र में कोई पार्टी सत्ता में आई और प्रधानमंत्री मोदी के शुरुआती वचनों से यह माना गया कि इस सरकार को अगले 10 साल तक कोई हिला भी नहीं पाएगा, लेकिन अभी ढाई साल भी नहीं बीते हैं और उनकी कलई खुलने लगी है।
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस को सत्ता की भूख नहीं है, लेकिन उसका मानना है कि भाजपा का उत्तर प्रदेश में वही हाल होने वाला है, जो दिल्ली और बिहार में हुआ था। (भाषा)