लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कभी प्रतिद्वंदी रहे अपने चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के मुखिया शिवपाल सिंह यादव से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। सपा और प्रसपा के बीच गठबंधन तय होने की जानकारी अखिलेश यादव ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर दी।
सपा के सूत्रों के मुताबिक अखिलेश करीब 4 बजे शिवपाल के आवास गए और दोनों के बीच लगभग 40 मिनट तक बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात से पहले ही सपा संस्थापक मुलायमसिंह यादव शिवपाल के घर में मौजूद थे।
वर्ष 2016 के अंत में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा तथा कैबिनेट मंत्री शिवपाल के बीच सत्ता और संगठन पर वर्चस्व की जंग शुरू हो गई थी और विधानसभा चुनाव से ऐन पहले एक जनवरी 2017 को अखिलेश को सपा अध्यक्ष बना दिया गया था। बाद में शिवपाल ने सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर लिया था।
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प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।
हालांकि शिवपाल शुरू से ही सभी समाजवादियों के एकजुट होने की पैरवी कर रहे थे और उन्होंने सपा से गठबंधन का संदेश भी कई बार पहुंचाया था। अखिलेश ने भी विभिन्न मौकों पर कहा कि वह सरकार बनने पर चाचा और उनके सहयोगियों का पूरा सम्मान रखेंगे। मगर उन्होंने गठबंधन के बारे में अपना रुख कभी स्पष्ट नहीं किया था।
इस बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शिवपाल और अखिलेश की इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया "साल 2022 में एक बार फिर 300 से अधिक सीटें जीतकर भाजपा की सुशासन वाली सरकार बनने जा रही है। चाचा भतीजे मिलें, चाहे बुआ भतीजे मिलें, चाहे कांग्रेस और सपा मिलें या फिर सारे मिल जाए तब भी खिलना तो कमल ही है।"